झज्जर के पूर्व विधायक हरिराम वाल्मीकि का निधन
झज्जर, 5 मई (हप्र)
झज्जर विधानसभा सीट से साल 2005 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे पूर्व विधायक हरिराम वाल्मीकि का सोमवार को निधन हो गया। हरिराम वाल्मीकि 76 साल के थे।
विधायक बनने से पूर्व हरिराम वाल्मीकि ने झज्जर नगरपालिका के चुनाव में दो बार पार्षद पद का चुनाव लड़ा लेकिन दोनों ही बार वह हार गए। कांग्रेस के एक साधारण कार्यकर्ता से उभर कर हरिराम वाल्मीकि की किस्मत ने तब साथ दिया जब 2005 में कांग्रेस की टिकट पर उन्हें झज्जर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया गया। हरिराम वाल्मीकि चुनाव जीत गए। हुड्डा कार्यकाल के दौरान ही हुए गोहाना कांड में एक बार अपनी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने की वजह से हरिराम वाल्मीकि सुर्खियों में आ गए थे लेकिन इस समय उन्हें शांत भी कर दिया गया। साल 2009 में उन्हें कांग्रेस पार्टी से टिकट न मिलने की वजह से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी उन्होंने नामांकन दाखिल किया। इस चुनाव में हरिराम वाल्मीकि को केवल 500 वोट हासिल हुए। बाद में हरिराम वाल्मीकि ने एक बार गोपाल कांडा की हलोपा और एक बार भाजपा भी ज्वाइन की लेकिन वह इन पार्टियों में भी ज्यादा समय तक नहीं रह सके और बाद में उन्हें दीपेंद्र हुड्डा ने एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी में शामिल करवा दिया। हरिराम वाल्मीकि के दो बेटे सतीश और मनोज है। सतीश का एक सड़क हादसे में निधन हो गया था उसके बाद से हरिराम वाल्मीकि भी बेटे की मौत की वजह से काफी टूट गए थे। उनका सोमवार को यहां झज्जर-रिवाड़ी रोड़ स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार में शहर के अनेक लोगाें ने भाग लिया। झज्जर की कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री गीता भुक्कल ने उनके अंतिम संस्कार में भाग लिया।