गुरुग्राम, 6 सितंबर (हप्र)
नूंह के तावडू उपमंडल के आईटीसी ग्रैंड भारत में चल रही जी-20 समिट की चौथी शेरपा बैठक में विदेशी डेलीगेट्स ने मंगलवार संध्या को हरियाणा की समृद्ध परंपरा व विरासत को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए समझा। वे हरियाणवीं लोक गीतों की धुन व संगीत से इतने प्रभावित हुए कि अपने आप को थिरकने से नहीं रोक पाए और हरियाणवीं कलाकारों के साथ नाचने लगे। सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या में जब 110 कलाकारों ने नॉन स्टॉप प्रस्तुति दी तो विदेशी डेलीगेट मंत्रमुग्ध हो गए। भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने सांस्कृतिक टीमों की परफॉर्मेंस की सराहना की। साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा परंपरा और संस्कृति को संरक्षित रखने की प्रतिबद्धता की सराहना भी की।
हरियाणा की वैदिक भूमि भारतीय संस्कृति और सभ्यता के उद्गम स्थल के रूप में जानी जाती है। ‘पृथ्वी पर हरि ( ईश्वर) का निवास ‘ कहे जाने वाले हरियाणा के इतिहास को कलाकारों ने अनोखे अंदाज में प्रस्तुत किया।
‘मेरे सिर पै बंटा टोकणी’, ‘इसी गजब की बहू बणूंगी’, ‘सुथरा सा भरतार मेरे दिल नै घणा लुभावै सै’ और ‘म्हारी आई कोथली सामण मै’ आदि पारंपरिक गीतों को आधुनिकता की स्टेज से पेश करके परंपरा और प्रगति की तस्वीर पेश की।