नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 4 मार्च
नगर निगम में 150 करोड़ रुपये के गबन एवं अधिक भुगतान से संबंधित मामले का रिकार्ड सीएम फ्लाइंग स्क्वायड ने तलब किया है। इस गड़बड़ी में अकाउंट विंग के 2 अधिकारी, 2 बिल्डर तथा एक विवादित टैंट हाउस का नाम सामने आया है। दस्ते की ओर से निगम कमिश्नर को लिखे पत्र में 8 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है। इस पत्र के बाद से निगम अधिकारी मौन साधे हुए हैं।
सीएम फ्लाइंग स्क्वायड के डीएसपी की ओर से लिखा गया यह पत्र कल निगम दफ्तर पहुंचा तो पत्र लीक हो गया। इसके बाद से निगम दफ्तर में हंगामा मचा हुआ है। पत्र में जांच अधिकारी ने पूर्व चीफ अकाउंट आॅफिसर ओमप्रकाश और सेक्शन आॅफिसर अशोक कुमार से संबंधित जानकारी मांगी है। इसके साथ ही पत्र में वर्णित निगम के कुछ खातों के संबंधित भी विस्तृत ब्योरा मांगा गया है। सीएम फ्लाइंग स्क्वायड ने डागर कंस्ट्रक्शन कंपनी, शमशेर ठेकेदार व बिल्लू टैंट हाउस को किए गए भुगतान से संबंधित ब्योरा मांगा है। यह ब्योरा पूर्व चीफ अकाउंट आॅफिसर ओमप्रकाश के कार्यकाल का ही मांगा गया है। ओमप्रकाश करीब दो साल तक निगम में उक्त पद पर रहे। इस बीच उन पर सरकारी पैसों को निजी खातों में ट्रांसफर करने, ठेकेदारों को मनमाने भुगतान करने के साथ-साथ निगम की करोड़ों रुपयों की एफडी अपनी पसंद के बैंक में करवाने के भी आरोप लगे। वर्ष 2017 में तत्कालीन शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने भी इस मामले की जांच करवाने के आदेश जारी किए थे लेकिन यह जांच सिरे नहीं चढ़ पाई।
शिकायतों पर नहीं हुई कार्रवाई
उक्त दोनों अफसरों के कार्यकाल में की गई गड़बड़ियों को लेकर कई शिकायतें की गई तथा आरटीआई से भी ब्योरा हासिल करने के प्रयास किए गए लेकिन निगम की ओर से न तो शिकायतों पर कोई कार्रवाई की गई और न ही आरटीआई का कोई जवाब दिया गया। बाद में एक भाजपा नेता के माध्यम से यह मामला मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया जिस पर अब सीएम फ्लाइंग स्क्वायड ने जांच शुरू कर दी है।