नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 6 अगस्त
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को अलॉट किए जाने वाले फ्लैट्स की अवैध तरीके से रजिस्ट्री करने के आरोप में 6 और राजस्व अधिकारियों के खिलाफ केस किया गया है। केस मुख्यमंत्री उड़न दस्ते की सिफारिश पर दर्ज किए गए हैं। एक तहसीलदार व पांच नायब तहसीलदारों पर आरोप है कि नियमों के खिलाफ रजिस्ट्री कर खरीदार व विक्रेता को अनुचित लाभ पहुंचाया, इससे सरकार को राजस्व की हानि हुई है।
जनवरी 2019 में मिली एक शिकायत की जांच के दौरान मुख्यमंत्री उड़न दस्ते ने वरिष्ठ योजनाकार दस्ते से बिल्डर्स द्वारा अनिवार्य तौर पर ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लोगों के लिए बनाए जाने वाले फ्लैट्स की जानकारी मांगी। इसमें जब रिकार्ड की जांच की तो पता चला कि अनेक ऐसे फ्लैट हैं जो अलाॅटीज ने सरकार द्वारा निर्धारित पांच साल की अवधि से पहले ही किसी और को बेच दिए। नियमानुसार ऐसे फ्लैट बेचना गलत है। ऐसा करने वालों से लागत का 100 गुणा तक वसूले जाने का प्रावधान है। जांच के दौरान दस्ते ने पाया कि सनसिटी ग्रुप द्वारा एमजी रोड पर विकसित एसएल टाॅवर्स में आधा दर्जन से अधिक फ्लैट को पांच साल की निर्धारित अवधि से पहले ही बेच दिया गया। इस पूरे प्रकरण में जांच के दौरान गुरुग्राम व वजीराबाद तहसील के एक तहसीलदार व पांच नायब तहसीलदारों की भूमिका भी पाई गई। जांच में पाया गया कि आरोपियों ने राजस्व अधिकारियों व तहसील के कर्मचारियों से मिलीभगत करके उक्त रजिस्टि्रयां गलत तरीके से करवाईं। इसके लिए संबंधित राजस्व अधिकारियों को अनुचित लाभ भी पहुंचाया गया। पूरे मामले की जांच सब इंस्पेक्टर सुरेश ने की। फ्लैट्स की रजिस्ट्री तहसीलदार रहे रूपेंद्र, नायब तहसीलदार रहे ओमप्रकाश, इंद्रजीत, रामचंद्र, ओमप्रकाश यादव, जगदीश बिश्नोई के द्वारा की गई। जिन राजस्व अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है उनमें से ओमप्रकाश, ओमप्रकाश यादव, रामचंद्र व इंद्रजीत रिटायर हो चुके हैं। इंद्रजीत व रामचंद्र को सिफारिश के बूते पुनः नौकरी प्रदान की गई। इंद्रजीत अभी भी डीआरओ कार्यालय में बतौर नायब तहसीलदार एनएचएआई लगे हुए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एफआईआर दर्ज किए जाने की पुष्टि करते हुए बताया, ‘डीएलएफ थाने में दर्ज इस मुकदमे को मुख्यमंत्री उड़न दस्ते के डीएसपी जितेंद्र गहलावत की शिकायत पर दर्ज किया गया है।’
दो अधिकािरयों का दूसरी बार आया नाम
यह दूसरी बार है जब नायब तहसीलदार जगदीश बिश्नोई व ओमप्रकाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। इससे पहले जिन 7 राजस्व अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं ये दोनों उसमें भी आरोपी थे। खास बात यह है कि दोनों ही ऊंची पहुंच रखने वाले हैं। जगदीश बिश्नोई को मानेसर के साथ हरसरू तहसील का अतिरिक्त चार्ज दे रखा है जबकि ओमप्रकाश को रिटायरमेंट के बाद भी नौकरी पर रखा गया।