जमकर की खरीदारी, जायके का उठाया लुत्फ
गुरुग्राम, 5 नवंबर (हप्र) सेक्टर-29 स्थित लेजरवैली ग्राउंड में सरस आजीविका मेले में आखिरी संडे को जबरदस्त भीड़ उमड़ी। इस दौरान लोगों ने जमकर खरीदारी की और फूड कोर्ट में खाने के जायके का भी लुत्फ उठाया। फूड कोर्ट में...
गुरुग्राम, 5 नवंबर (हप्र)
सेक्टर-29 स्थित लेजरवैली ग्राउंड में सरस आजीविका मेले में आखिरी संडे को जबरदस्त भीड़ उमड़ी। इस दौरान लोगों ने जमकर खरीदारी की और फूड कोर्ट में खाने के जायके का भी लुत्फ उठाया। फूड कोर्ट में देर रात तक भारी भीड़ रही। लोगों ने इस दौरान सांस्कृतिक संध्या का भी आनंद लिया।
जानकारी के अनुसार, मेले में रविवार को झारखंड के गोड्डा जिले से आई रिमझिम सखी मंडल ग्रुप की सुचित्रा देवी ने बताया कि मेले में उनके स्टॉल पर तशर सिल्क साड़ी, सूट, दुपट्टा समेत फेब्रिक कपड़े उपलब्ध हैं। लोग काफी पसंद कर रहे हैं। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले से आई हुईं प्रगति महिला समिति की मीनू रक्षित ने बताया कि उनके स्टॉल पर राइस-मिल्क शॉप, हल्दी-चंदन शॉप, ऑलमंड-रोज शॉप आदि, फेस वॉश, हेयर ऑयल, क्रीम, बॉडी पेन रिलीफ जैसे आर्गेनिक प्रोडक्ट लोगों को आकर्षित कर रहा है।
रांची से आई बिमला देवी ने बताया कि उनके स्टॉल पर पंद्रह प्रकार के अचार हैं। इनमें बांस का अचार, आंवले का अचार, कटहल का अचार, हरा मिर्च, महुआ का अचार, पुटकल अचार समेत जामुन सिरका, जामुन बीज पॉउडर (शुगर के लिए फायदेमंद है), मधु, ब्राउन राइस के सामान यहां पर उपलब्ध हैं। लोग इनकी खरीदारी कर रहे हैं। इस स्टॉल पर एक सौ रुपये से लेकर चार सौ रुपये तक के सामान उपलब्ध है। वहीं, रीता होरो ने बताया कि यहां हमारे स्टॉल पर इमली का केक, इमली का अचार, रागी का आटा, समेत यहां आप को लाख की चूड़ियां भी मिल जाएंगी। झारखंड से यहां पर बीसी (बैंकिंग करसपोंडेंट) सखी भी आई। वह मेले में भाग ले रहीं महिलाओं के लिए पेमेंट के लेन-देन करवा रही हैं। इसके अलावा ये महिलाएं बीसी सखी के माध्यम से अपने घर परिवार को पैसे भेज सकती हैं औऱ जरूरत पड़ने पर मंगा भी सकती हैं।
400 से अधिक लगे स्टॉल
मेले में देश के 28 राज्यों के 400 से अधिक स्टॉलों पर लोग खरीदारी के लिए आ रहे हैं। मेले की विविधता लोगों को आकर्षित कर रही है। स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं की विशेष उपस्थिति वाला यह मेला महिला सशक्तीकरण की एक बेहतरीन मिसाल है। जहां न केवल वह अपना उत्पाद लेकर आई हैं, बल्कि वह भारत की विविधता और अनेकता में एकता का संदेश भी दे रही हैं। मेले में 28 राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह की 800 दीदी अपनी कला एवं संस्कृति से जुड़े हस्तनिर्मित उत्पादों की स्टॉल लगाई हैं।

