नर्मदा परिक्रमा पूरी कर डेरा ज्वालामाला पहुंचे महंत, लगाया भंडारा
शहर के रुपया चौक के निकट स्थित डेरा ज्वालमाला के महंत स्वामी सदानंद ने करीब एक माह की नर्मदा परिक्रमा, ओंकारेश्वर परिक्रमा, गिरिराज परिक्रमा व वृंदावन परिक्रमा पूरी करने के उपरांत बृहस्पतिवार को भंडारे का आयोजन किया। डेरा ज्वालमाला में आयोजित कार्यक्रम में अनेक साधुओं ने शिरकत कर पूजन किया। पूजन उपरांत सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर मौजूद लोगों ने साधु- संतों का आशीर्वाद भी लिया।
इस मौके पर पहुंचे अखिल भारतीय घीसा संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व निर्जन, पांडू पिंडारा गद्दी के महंत स्वामी राघवानंद ने बताया कि नर्मदा परिक्रमा का आध्यात्मिक महत्व यह है कि यह जन्म- जन्मांतर के पापों को नष्ट करती है। मोक्ष की प्राप्ति में मदद करती है और आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। यह एकमात्र नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है और इसे भक्ति और शुद्धि की यात्रा माना जाता है, जो भक्तों को भौतिक सुखों से ऊपर उठकर ईश्वर से जुड़ने का अवसर देती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नर्मदा परिक्रमा से एक तीर्थ यात्रा से कहीं अधिक पुण्य मिलता है। नर्मदा नदी के तटों को तपोभूमि माना जाता है, जहां अनेक ऋषियों और संतों ने तपस्या की है। इसलिए परिक्रमा को आत्म कल्याण का मार्ग भी माना जाता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया कोऑर्डिनेटर अशोक छाबड़ा, आचार्य योगेन्द्र, स्वामी सरोजांनद, साध्वी संतोष, साध्वी कमलदीप, श्यामानंद महाराज, नगर परिषद चेयरपर्सन प्रतिनिधी गोविंद सैनी, पूर्व पार्षद विनोद सैनी, सतबीर सैनी, जसवंत सैनी, पप्पा प्रधान व रमेश भी उपस्थित रहे।
