गुरुग्राम, 3 मई (हप्र)
गांव बोहड़ाकलां स्थित नीलकंठ अस्पताल का कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्रशासन ने अधिग्रहण कर लिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले सप्ताह से अस्पताल काम करना शुरू कर देगा। इसमें 51 आॅक्सीजन बेड चालू किए जाएंगे। अस्पताल बीते करीब 10 महीने से बंद पड़ा है। उक्त अस्पताल का निर्माण गांव के बाहरी छोर पर स्थित एक मंदिर ट्रस्ट के द्वारा करवाया गया था।
मंदिर के महंत पर महिलाओं के साथ आपत्तिजनक हरकतें करने के आरोप लगे तथा कई एफआईआर भी दर्ज की गई। इस कारण महंत आश्रम छोड़कर फरार हो गया था। कुछ समय बाद उक्त अस्पताल को भी बंद करना पड़ा। कुछ दिन पहले पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता ने उक्त बंद पड़े अस्पताल का अधिग्रहण कर इसमें कोरोना रोगियों के उपचार की सलाह दी थी। अब डीसी ने एसडीएम को पत्र लिखकर उक्त अस्पताल को अपने अधीन लेने के लिए कहा है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि अस्पताल में आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाकर इसका संचालन शुरू करवाया जाए ताकि यहां कोरोना मरीजों का इलाज किया जा सके। अस्पताल में 51 बेड पर आॅक्सीजन कांटेक्ट उपलब्ध हैं। ऐसे में प्राथमिक तौर पर ही इसमें 51 संक्रमितों के लिए चालू किया जा सकता है।
विधायक ने किया दौरा
सोमवार को विधायक सत्यप्रकाश जरावता ने अस्पताल का दौरा कर यहां के हालात देखे। उन्होंने बताया कि 10 महीने से बंद पड़े इस अस्पताल को पुनः चालू करने में करीब एक सप्ताह लग सकता है। उनके अनुसार इसकी एक मंजिल पर कोरोना रोगियों का उपचार होगा तथा एक तल कोरोना से उबर चुके लोगों का इलाज किया जाएगा।