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निगरानी समिति की बैठक में सांसद दीपेंद्र व डीसी के बीच तीखी बहस

सांसद बोले, मैं समिति का चेयरमैन, प्रशासन ने नहीं किया प्रोटोकॉल का पालन
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रोहतक में शुक्रवार को आयोजित निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते सांसद दीपेंद्र हुड्डा। -निस
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रोहतक, 23 मई (निस)

विकास भवन में हुई विकास समन्वय एवं निगरानी समिति बैठक में डीसी व सांसद दीपेंद्र हुड्डा के बीच तीखी बहस हो गई। सांसद ने डीसी को कहा कि वह निगरानी समिति के चेयरमैन हैं और प्रशासन ने प्रोटोकॉल को नहीं निभाया, बाद में जैसे-तैसे मामला निपटाया गया।

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बैठक में विकास से जुड़े हुए अलग-अलग विषयों पर विस्तार से चर्चा की। पानी की किल्लत को लेकर प्रमुखता से बात उठाई गई और अधिकारियों से इसका जल्द समाधान कराने को कहा। शुक्रवार को विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने की। बैठक में दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पूरे इलाके में पानी के लिये हाहाकार मचा हुआ है, अधिकारियों ने जिले के लिए 1600 क्यूसेक पानी की आवश्यकता बताई, जबकि उपलब्धता लगभग एक चौथाई यानी 300-400 क्यूसेक ही है। इसके अलावा गांवों में सिंचाई के लिए जितना पानी मिलना चाहिए था वो नहीं मिल रहा है, कहीं और डायवर्ट किया जा रहा है।

दीपेंद्र हुड्डा ने मांग की कि जो पानी उपलब्ध है उसमें हमारे क्षेत्र े जितने पानी का अधिकार बनता है वो मिलना चाहिए। इसे बेहद गंभीर विषय के रूप में रखा गया। स्थानीय प्रशासन व प्रदेश सरकार के स्तर पर जो प्रयास संभव है उसे कराने के निर्देश दिए गए हैं।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि विपक्ष के रूप में मजबूती से इस समस्या को दूर करने के लिए संघर्ष करेंगे और प्रदेश सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि आज की बैठक में हर महकमे से जुड़ी बात रखी गई और जहां-जहां कमी रह गयी है उसको दूर करने के लिये संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये गये। 13 जनवरी 2025 को हुई दिशा मीटिंग विकास कार्यों की समय सीमा तय हुई थी, उसमें से अधिकांश काम अभी भी लटके हुए हैं, ये कतई स्वीकार्य नहीं है। दीपेन्द्र हुड्डा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगली दिशा बैठक तक सारे लंबित कार्य पूरे कराए जाएं। उन्होंने धीमी गति से चल रहे विकास कार्यों पर गहरी नाराजगी जताई और अधिकारियों से कहा कि विकास कार्यों को पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित करें और तय समय में विकास के काम पूरे कराएं।

‘पीजीआई घोटाले की हो जांच’

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने पीजीआई में 50 करोड़ के वेतन घोटाले की गहनता से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि आखिर कौन बिना काम किये वेतन डकार रहा है। इस पूरे प्रकरण की जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई हो। इसके अलावा बायोमेट्रिक उपस्थिति व मनमाने ढंग से भर्ती करने की भी खबरें सामन आई हैं। इसकी शिकायत पीएम पोर्टल व सीएम फ्लाइंग पर भी हुई है।

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