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मृत व्यक्ति को जीवित दिखाकर दो कनाल जमीन की फर्जी रजिस्ट्री, तहसीलदार सहित 11 पर केस दर्ज

मृत व्यक्ति को जीवित दिखाकर दो कनाल जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने का मामला सामने आया है। पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा नारनौल ने जांच के बाद एक तहसीलदार, वकील और नंबरदार सहित 11 लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी...
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मृत व्यक्ति को जीवित दिखाकर दो कनाल जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने का मामला सामने आया है। पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा नारनौल ने जांच के बाद एक तहसीलदार, वकील और नंबरदार सहित 11 लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मामला दर्ज किया है।

शिकायतकर्ता अनिल कुमार जैन निवासी मोहल्ला काबिला संघीवाड़ा, नारनौल ने एसपी महेंद्रगढ़ को दी शिकायत में बताया कि उनके परिवार की दो कनाल जमीन गांव छिलरो (तहसील नांगल चौधरी) में है। जमीन के सह-स्वामी सुनील कुमार जैन का निधन 28 अप्रैल, 2019 को हो चुका था, लेकिन आरोपियों ने उन्हें जीवित दिखाकर किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से फर्जी रजिस्ट्री करा दी।

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जांच के अनुसार नेमपाल निवासी पाली ने अपने साथियों, बदरू राम, सुनील कुमार, एडवोकेट कमलेश, तत्कालीन तहसीलदार सहित अन्य के साथ मिलकर फर्जी वसीका बैयनामा नंबर 1179, 22 सितंबर 2022 तैयार करवाया। बाद में इसी आधार पर आरोपी नेमपाल ने उक्त जमीन 1 करोड़ 10 लाख रुपये में निशा, सरिता देवी, मंजूबाला और सुनील को बेच दी।

आर्थिक अपराध शाखा इंचार्ज उपनिरीक्षक युद्धवीर सिंह की रिपोर्ट के अनुसार, जांच में यह तथ्य प्रमाणित हुआ कि मृत व्यक्ति को जीवित दिखाकर फर्जी रजिस्ट्री कराई गई है। रिपोर्ट में इसे गंभीर आपराधिक षड्यंत्र मानते हुए एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई।

थाना निजामपुर में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज दर्ज किया गया है। इस केस की जांच एएसआई राकेश कुमार को सौंपी गई है और आगे की तफ्तीश आर्थिक अपराध शाखा द्वारा

की जाएगी।

फर्जी मालिक बनकर 1.83 करोड़ में जमीन बेचने का एक आरोपी काबू

गुरुग्राम (हप्र) : जमीन का फर्जी मालिक बनकर फर्जी तरीके से जमीन को बेचने के मामले में शामिल एक आरोपी को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह जमीन फर्जी तरीके से प्लॉट का मालिक बनकर उसने एक करोड़ 83 लाख 22 हजार रुपए में बेची थी। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने गुरुवार को बताया कि अपराध शाखा-1 ने इस मामले की जांच करके फर्जीवाड़े का खुलासा किया। जानकारी के अनुसार पीडि़त विनीत कश्यप व विनोद कश्यप ने शिकायत में बताया कि वर्ष-1989 में गांव खत्रिका सोहना में लगभग 46 कनाल जमीन उन्होंने खरीदी थी। 12 अगस्त, 2024 को उन्हें पता चला कि उनकी इस जमीन को उनके नाम से विनीत उर्फ विपिन कश्यप (फर्जी व्यक्ति) व विनोद कश्यप (फर्जी व्यक्ति) द्वारा मालिक बनकर व उनके आधार कार्ड, पेन कार्ड व उनकी जमीन के फर्जी कागजात बनवाकर किसी अन्य व्यक्ति को बेच दी। इस शिकायत पर पुलिस थाना शहर सोहना में केस दर्ज किया गया। इस मामले आर्थिक अपराध शाखा-1 को जांच के लिए सौंपा गया। 30 जनवरी 2025 को आर्थिक अपराध शाखा-1 गुरुग्राम की ओर से फर्जीवाड़े से जमीन बेचने की जांच के बाद मामला थाना को सौंपा दिया गया। पुलिस टीम द्वारा इस मामले में 12 नवंबर, 2025 को अलीगढ़ उत्तर-प्रदेश से एक आरोपी को काबू किया। आरोपी की पहचान ओमवीर उर्फ फर्जी विनीत कश्यप (44) निवासी गांव चांदौस, जिला अलीगढ़ (उत्तर-प्रदेश) के रूप में हुई। आरोपी से प्रारंभिक पुलिस पूछताछ में पताच ला कि वह अलीगढ़ एक स्कूल की वैन पर ड्राइवर है। उसने जुलाई-2024 में अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर फर्जी विनीत कश्यप (शिकायतकर्ता) बनकर व फर्जी आधार कार्ड व फर्जी जमीन कागजात बनाकर उपरोक्त जमीन को किसी अन्य व्यक्तियों को 01 करोड़ 83 लाख 22 हजार 500 रुपए में बेच दिया था। इस रकम में से करीब 84 लाख उसके बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे। आरोपी को गुरुवार को न्यायालय में पेश करके चार दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया है।

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