शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज में खामियों का अवलोकन कर रही 4 सदस्यीय टीम
गुरुग्राम, 22 फरवरी (हप्र)
सैनी सरकार नूंह जिले के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर दिखाई दे रही है। सरकार ने राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में सभी कमियों को दूर करने के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया है, जो कॉलेज में जाकर बारीकी से खामियों का अवलोकन कर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट देगी।
चार सदस्यीय इस टीम में छायंसा मेडिकल कॉलेज के निदेशक, पीजीआई रोहतक के अधिकारी एवं डीएमआईआर के अधिकारी शामिल हैं। कॉलेज निदेशक डॉक्टर मुकेश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस के चार विधायकों ने दो दिन पहले ही मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार के बाहर धरना दिया था। इसके बाद सरकार ने एक टीम का गठन कर यहां का अवलोकन करने के लिए भेजा है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की कमी, दवाइयों की कमी, अल्ट्रासाउंड मशीन के नहीं चलने से लेकर सीलिंग इत्यादि के खराब होने के मामले उनके सामने आए हैं। निदेशक ने कहा कि मार्च महीने के बाद मेडिकल कॉलेज में दवाइययों की कमी नहीं रहेगी। अभी भी लगभग 70 फ़ीसदी लोगों को दवाइयां मिल रही हैं। यहां रोजाना करीब 300 एक्सरे हो रहे हैं। एक्सरे मशीन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहे हैं। इसके लिए कई बार टेंडर लगाए गए हैं, लेकिन तीन फर्म नहीं आने की वजह से इसमें अभी तक कामयाबी नहीं मिली है। इसके अलावा अस्पताल प्रांगण में सीलिंग को लेकर हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन को टेंडर दिया हुआ है, जल्दी ही उनका काम यहां पर शुरू होगा और अस्पताल के हालात पूरी तरह से बदले हुए नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ उपकरण के भी खरीदने की बात टीम के सामने रखी गई है। राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज में किसी भी प्रकार की जो भी दिक्कत है टीम ने उसके बारे में अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है और यह रिपोर्ट जल्द ही सरकार के पास होगी। मुकेश कुमार निदेशक ने कहा कि जल्दी ही यहां डॉक्टरों की कमी को दूर करने के अलावा जितनी भी खामियां सामने आई हैं, उन पर काम किया जाएगा। प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव भी मेडिकल कॉलेज नल्हड़ को लेकर काफी गंभीर बताई जा रही हैं।
देखते हैं सरकार सेे क्या परिणाम आते हैं : आफताब अहमद
मेडिकल कॉलेज में कर्मियों को लेकर अपने चार विधानसभा साथियों के साथ प्रदर्शन करने वाले विधायक आफताब अहमद का कहना है कि सुना तो मैंने भी है लेकिन हमारा ध्यान परिणाम पर है। देखते हैं कि सरकार कितना काम करती है। इस मेडिकल कॉलेज की हालत के कारण जिले में मौजूद सरकार के आधे अधूरे प्रबंधों वाले अस्पताल भी शून्य साबित हो रहे हैं। जो मरीज रेफर होकर आते हैं उनके हालात और भी बुरी हो जाती है क्योंकि यहां लाकर उन्हें सुविधाहीन मेडिकल अस्पताल में भर्ती कर देते हैं। इस बार इस मामले को आश्वासन तक नहीं छोड़ा जाएगा परिणाम तक पहुंचाया जाएगा भले ही कुछ भी करना पड़े।
