गुरुग्राम (निस) : केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने हमारी संस्कृति व उससे जुड़े तथ्यों से छेड़छाड़ कर हमारे सामने गलत इतिहास प्रस्तुत किया है। ऐसे में हमारी आज की युवा पीढ़ी को उनके द्वारा लिखे इतिहास को दरकिनार कर हमारी गौरवशाली संस्कृति पर रिसर्च करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री शुक्रवार देर शाम हर घर तिरंगा अभियान के तहत फरूखनगर में स्थित ऐतिहासिक शीश महल पर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में पटौदी की पूर्व विधायक बिमला चौधरी, उपायुक्त निशांत कुमार यादव, अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार, सज्जन कुमार यादव, नरेश कुमार, राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य जितेंद्र यादव मौजूद थे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।