गुरुग्राम (हप्र) : पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता ने कहा कि संत कबीरदास ने समाज को एक ऐसी दिशा दी जिसमें लोग बिना लाग लपेट मानवता धर्म को सबसे बड़ा मान सकें। उन्हीं के प्रयासों के फल स्वरूप न सिर्फ जाति प्रथा बल्कि धर्म और पंथों के आडंबरों से लोगों को मुक्ति मिल पाई। संत कबीर ने ही निराकार परमात्मा की कल्पना कर उसे सर्वोच्च सत्ता बताया। अपने निवास पर कबीर जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में विधायक सत्यप्रकाश जरावता ने कहा कि संत कबीर ने मूर्ति पूजन और उपवास जैसे आडंबरों का खुलकर विरोध किया। 13वीं सदी में जब लोग जाति और धर्म को लेकर बेहद कट्टर विचारधारा रखते थे, ऐसे में तर्कपूर्ण तरीकों से अपनी बात मानने को प्रेरित किया।