मालिक की मौत के 10 साल बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया प्लाट : The Dainik Tribune

मालिक की मौत के 10 साल बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया प्लाट

भजनलाल के समय सीएम के ऐच्छिक कोटे से अलाट प्लाटों में धांधली

मालिक की मौत के 10 साल बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया प्लाट

गुरुग्राम, 25 मई (हप्र)

पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भजनलाल द्वारा अपने ऐच्छिक कोटे से दिए गए प्लाटों में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। पुलिस उपायुक्त और सीएम विंडो में दी गई शिकायत के मुताबिक उस समय अलॉट किए गए प्लॉट के मालिकों के मरने के बाद उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कर कई प्लॉटों को कुछ लोगों ने मिलीभगत कर ने बेच दिया है। इनकी जांच की जा रही है।

गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त और मुख्यमंत्री की विंडो पर दी गई शिकायतों की पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है। इन शिकायतों के मुताबिक लगभग 8 प्लॉट ऐसे हैं जिनकी अलॉटमेंट तो किसी और के नाम थी लेकिन उनके मरने के बाद भी उन्हें जीवित दिखाकर प्लॉट किसी और के नाम अलॉट हो गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पंजाब के फाजिल्का के गांव सीतो गुन्नू निवासी धर्मवीर पुत्र स्वर्गीय सुनील कुमार, हाल निवासी जी-258, सरिता विहार, नयी दिल्ली के नाम एक कनाल का एक प्लॉट सेक्टर-23/23ए (प्लॉट नंबर 4770) गुरुग्राम में अलॉट हुआ था। किसी कारणवश यह प्लॉट नंबर बदलकर उतने ही साइज का प्लॉट (4036 नंबर) सेक्टर 23/23ए में दिया गया था।

शिकायतकर्ता को 29 नवंबर, 2007 को पोजेशन लेटर जारी हो गया और जिस व्यक्ति के नाम यह प्लॉट अलॉट हुआ था, उसका 15 जुलाई, 2010 को अपने गांव जिला फाजिल्का (पंजाब) में देहांत हो गया। ऐसी परिस्थितियों में यह प्लॉट शिकायतकर्ता की माता शकुंतला देवी के नाम ट्रांसफर कर दिया गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि ऐसे कुछ लोगों, जिनके नाम और सुबूत पुलिस को भी दिये गये हैं, उन्होंने घर में आने जाने का लाभ उठाकर फर्जी तरीके से सुनील कुमार नाम के व्यक्ति को पिता के नाम पर खड़ा कर 1 अप्रैल 2016 को उसकी कन्वेयंसडीड करवा ली। शिकायतकर्ता का कहना है कि इस पूरे मामले में हूडा के अधिकारी व कर्मचारी और तहसील के लोग भी शामिल हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि सभी जालसाजों ने योजनाबद्ध तरीके से उनके दिवंगत पिता को 10 वर्ष बाद जीवित दिखाकर पहले उसका हूडा ऑफिस में इंडडेमिनिटी बॉन्ड एफिडेविट और दरखास्त आदि बना कर दिया है।

उस समय प्लॉट की कीमत 4 करोड रुपए थी और आज उसकी कीमत 10 करोड़ से ज्यादा है। लेकिन उस समय उसकी खरीद कीमत 24074500 दिखाई गई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि एक एचसीएस अधिकारी ने 14 जून 2016 को उस प्लॉट का पुनः अलॉटमेंट लेटर जारी कर दिया। उसका आरोप है कि इस तरह सभी लोगों ने मिल मिलाकर 10 करोड़ की ठगी कर पैसा आपस में बांट लिया है। शिकायतकर्ता ने यह भी खुलासा किया है कि उनके इस प्लॉट के साथ लगभग 8-10 ऐसे और प्लॉट हैं जिनमें फर्जीवाड़ा किया गया है। उनका कहना है कि चौधरी भजनलाल के समय प्लॉटों की अलॉटमेंट और बाद में उनके कब्जे लेने तथा दस्तावेजों के अदला बदली की जांच पड़ताल की जाए, तो यह देश का एक बड़ा घोटाला साबित हो सकता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सहायक पुलिस आयुक्त उद्योग ने गत 23 फरवरी को धर्मवीर को इस संबंध में जांच के लिए बुलाया था। उस समय की जांच सीएम विंडो में दी गई शिकायत के आधार पर थी। जांच पड़ताल का अभी तक कोई पता नहीं लगा तो शिकायतकर्ता ने गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त को 24 मई को पुनः शिकायत देकर इसकी विस्तृत जांच की मांग की है।

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