मनमोहन गुप्ता मोनी
‘हां, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की वो रिवाल्वर हमारे परिवार के पास थी जिसे उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ काकोरी कांड में इस्तेमाल किया था। इस रिवाल्वर को हमारे परिवार ने 97 बरस तक घर की तिजोरी में सहेज कर रखा। अब यही रिवाल्वर शाहजहांपुर के शहीद संग्रहालय की शोभा बढ़ा रही है।’ यह बात शरद गुप्ता उर्फ पप्पू ने अपने छोटे भाई अजय कुमार गुप्ता उर्फ गुड्डू के साथ शाहजहांपुर में अपने उसी निवास में लंबी चर्चा के दौरान बताई, जहां पंडित राम प्रसाद बिस्मिल प्रायः आते रहते थे।
शरद गुप्ता के घर के साथ ही आर्य समाज मंदिर था, जिसमें पंडित राम प्रसाद बिस्मिल प्रायः ठहरा करते थे। शरद गुप्ता के दादा लाला सूरज प्रसाद गुप्ता ऑनरेरी मजिस्ट्रेट थे, लेकिन देशभक्ति उनमें कूट-कूट कर भरी हुई थी। राम प्रसाद बिस्मिल उन्हें अपना भरोसेमंद मानते थे। अक्सर उनके पास आते रहते थे। सूरज प्रसाद भी उन्हें बचाने में मदद करते रहते थे। यही नहीं, कई बार तो जोखिम उठाकर उन्हें हथियार भी उपलब्ध करा देते थे। सूरज प्रसाद गुप्ता का परिवार शाहजहांपुर में कलुआपुर वालों के नाम से विख्यात है। उनका घर आज भी उसी आर्य समाज मंदिर के साथ है, जहां बिस्मिल ठहरा करते थे। काकोरी कांड के बाद पुलिस बिस्मिल के पीछे पड़ी हुई थी। बिस्मिल सूरज प्रसाद गुप्ता के घर आए और अपनी रिवाल्वर उन्हें सौंपकर कहा कि इसकी हिफाजत करना। इसके बाद पं राम प्रसाद बिस्मिल को फांसी की सज़ा हो गई।
शरद बताते हैं कि उनके दादा के बाद उनके पिता राजेंद्र प्रसाद गुप्ता इस रिवाल्वर को संभाल कर रखा करते थे। यहां तक कि किसी को हाथ तक नहीं लगाने देते थे। एक बार बहुत जिद करने पर ही उन्होंने बताया था कि यह मामूली हथियार नहीं है। यह बेशकीमती है। देश की धरोहर है। महान अमर स्वतंत्रता सेनानी बलिदानी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की रिवाल्वर है, जिसे उन्होंने काकोरी कांड में इस्तेमाल किया था। फिर पिता जी ने डेढ़ किलो वज़न की इस रिवाल्वर को मुझे देकर कहा था कि इसे सहेज कर रखना। किसी को भी इसकी कानों कान खबर न हो।
शरद गुप्ता बताते हैं कि हम बड़े असमंजस में रहे कि बिना लाइसेंस वाली रिवाल्वर रखने के जुर्म में कोई कार्रवाई न हो जाए। पुलिस को सौंपने की हिम्मत नहीं हो रही थी। करीब 97 वर्ष तक जिस रिवाल्वर को हमारे परिवार ने छाती से लगाकर रखा हो, उसे कैसे सौंपा जा सकता था। उधर, शाहजहांपुर में शहीद संग्रहालय का निर्माण हो गया था। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शाहजहांपुर के ही हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि अगर किसी के पास स्वतंत्रता संग्राम या क्रांतिकारियों से संबंधित कोई चीज हो तो उसे संग्रहालय के लिए दे दें। हम दोनों भाई उनसे मिले। उन्होंने एसपी को बुलाकर कागजी कार्यवाही करवा कर पं बिस्मिल की 125वीं जयंती पर रिवाल्वर संग्रहालय में रखवा दी।
ब्रिटिश सरकार का लूटा था खजाना
काकोरी कांड क्रांतिकारियों द्वारा अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध छेड़ने की मंशा से ब्रिटिश सरकार का खजाना लूटने के लिए 9 अगस्त 1925 को की गई ट्रेन डकैती थी। इस कांड के मुख्य नायक थे पंडित राम प्रसाद बिस्मिल। उनके साथ थे राजेंद्र लाहिड़ी, अशफाक उल्ला खान, चंद्रशेखर आज़ाद और मन्मथनाथ गुप्ता आदि। पंडित बिस्मिल को जब यह आभास हुआ कि उनकी गिरफ्तारी शीघ्र होने वाली है, तो उन्होंने अपनी रिवाल्वर शाहजहांपुर में रहने वाले लाला सूरज प्रसाद के घर छोड़ दी थी।