बच्चों की मालिश यूं तो हर मौसम में की जाती है, लेकिन सर्दियों में इसकी खास जरूरत होती है। मालिश ऐसी हो कि उनकी त्वचा में रूखापन न आये और उनकी सेहत भी ठीक रहे। जानकार कहते हैं कि नवजात बच्चों की मालिश करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। आइये जानते हैं कैसे हो बच्चों की मालिश-
अगर मालिश कमरे के अंदर कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि कमरे का तापमान बहुत कम न हो। यानी ठंडे कमरे में मालिश के लिए बच्चों के कपड़े उतारने से पहले सुनिश्चित कर लें कि कहीं से ठंडी हवा न आ रही हो और तापमान सामान्य हो। बेहतर हो अगर मालिश धूप निकलने के बाद की जाये, इससे तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है। यदि मालिश धूप में कर रहे हों तो भी ध्यान रहे कि दीवार या किसी चीज की ओट हो ताकि मालिश करते समय बच्चा हवा की चपेट में न आने पाये। मालिश किसी बेबी ऑयल से ही करें। यदि सरसों के तेल से कर रहे हों तो नाक, मुंह और आंख से हाथ दूर ही रखें क्योंकि सरसों के तेल का तीखापन बच्चे को बहुत परेशान कर सकता है। बेहतर हो यदि डॉक्टर से पहले इस बारे में सलाह ले लें। कोशिश रहे कि स्तनपान कराने के तुरंत बाद बच्चे की मालिश न करें। यही नहीं नहाने के तुरंत बाद भी मालिश ठीक नहीं। नहलाते ही बच्चे को पहले अच्छी तरह पोछ लें और गर्माहट के लिए सॉफ्ट कंबल में लपेट लें या गर्म कपड़े पहना लें। जब बच्चे में गर्माहट आ जाये तो उसके बाद ही मालािश करें। जानकार यह भी कहते हैं कि बच्चों को नाक से भी ठंड लग सकती है। इसलिए शिशु की नाक को बीच-बीच में गर्म हाथों से सिकाई करें या गर्म तेल से मसाज करें। जानकार कहते हैं कि शिशु को नहलाने से पहले अगर उसकी सरसों के तेल से मालिश कर दी जाये तो उसके लिए अच्छा होता है।
– फीचर डेस्क