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प्रेग्नेंसी में सुरक्षा यकीनी बनाए ये सावधानी

शिखर चंद जैन प्रेग्नेंसी के नौ महीने बड़े नाजुक होते हैं। इस दौरान गिर पड़ना या सीढ़ी आदि से लुढ़क जाना न सिर्फ आपके लिए घातक हो सकता है। बल्कि गर्भस्थ शिशु का जीवन भी खतरे में पड़ सकता है।...

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शिखर चंद जैन

प्रेग्नेंसी के नौ महीने बड़े नाजुक होते हैं। इस दौरान गिर पड़ना या सीढ़ी आदि से लुढ़क जाना न सिर्फ आपके लिए घातक हो सकता है। बल्कि गर्भस्थ शिशु का जीवन भी खतरे में पड़ सकता है। इसलिए इस दौरान जरा सतर्क रहने की जरूरत है।

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टंबल प्रूफ घर यानी लड़खड़ाने के चांस कम

पेट भारी होने की वजह से इस पीरियड में आपका ग्रेविटी सेंटर बदल जाता है, नतीजतन संतुलन बिगड़ने के चांस बढ़ जाते हैं। माना कि शिशु बच्चेदानी में काफी सुरक्षित रहता है लेकिन इसके बावजूद पेट पर अधिक चोट लग जाए, तो समयपूर्व प्रसव या गर्भपात होने का डर रहता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि आप अपने घर को टम्बल या ट्रिप प्रूफ बनाएं। दरी, चटाई, कालीन आदि में धागे निकले हुए हों, वह बीच में कहीं से फटी हुई हो या उधड़ी हुई हो, तो उसे तुरंत ठीक करें या हटाएं। किचन और बाथरूम का फर्श चिकनाई रहित व सूखा रखें। रास्ते में सामान बिखरा हुआ न रहे, इसका खास ध्यान रखें। घर में, बरामदे में या पिछवाड़े के अहाते में रोशनी पर्याप्त हो ऐसी व्यवस्था रखें। उलझे हुए इलेक्ट्रिक तार या रस्सी रास्ते में न रखें।

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जमीन पर देख कर चलें

घर में हो या रास्ते में, हमेशा देखकर चलें। न सिर्फ वाहन आदि से बल्कि अचानक कोई कुत्ता, बिल्ली या गाय जैसा पशु आपके रास्ते में न आ जाए। रास्ते में नाली, गड्ढे और स्पीड ब्रेकर से भी बचें। बरसाती मौसम में चारों ओर कीचड़ या पानी फैला हो, तो बाहर जाने से बचें। रास्ते में मोबाइल से बात करने, व्हाट्सऐप या फेसबुक चेक करने या टेक्स्ट मैसेज पढ़ने अथवा टाइप करने की गलती हरगिज न करें। सीढ़ियों पर चढ़ते या उतरते समय अपना पूरा ध्यान उन पर ही केंद्रित रखें। साथ ही रेलिंग को हमेशा पकड़कर रखें।

फुटवेयर हो आरामदेह

इन नौ महीनों की अवधि में आपको ऊंची हील वाली सैंडिल पहनना बिल्कुल छोड़ देना चाहिए। इनसे संतुलन बिगड़ने और गिरने का खतरा बढ़ जाता है। इस अवधि में आपको फ्लैट्स या स्लीपर्स ही पहननी चाहिए। चप्पल ज्यादा ढीली या तंग न पहनें बल्कि बिल्कुल साइज के अनुरूप ही पहनें। ढीली चप्पल से गिरने की संभावना बढ़ जाती है और तंग चप्पल रक्त संचार को बाधित करती है। इसे पहनने से पैरों में सूजन भी आ सकती है।

जब सिर चकराए, तो बैठ जाएं

इस अवधि में शरीर में तरह-तरह की उथल पुथल होती रहती है। डिहाइड्रेशन ज्यादा होता है, शरीर की ओवरहीटिंग हो जाती है और ब्लडशुगर कई बार गिर जाता है। इससे कभी उनींदापन, तो कभी सिर चकराने की शिकायत होती है। जब आपका सिर चकराए, तो चलने-फिरने की गलती न करें। पौष्टिक भोजन करें, कपड़े ढीले-ढाले व आरामदायक पहनें। बच्चेदानी का आकार बढ़ने के कारण यह कुछ मुख्य ब्लड वेसल्स पर दबाव डालती है। ऐसे में आप अचानक उठ जाती हैं, तो आपका सिर चकरा सकता है। इसलिए जो करें स्लो मोशन में करें।

अगर गिर जाएं...

तमाम सावधानियों के बावजूद अगर आप गिर जाएं तो सबसे पहले खुद को संभालें। फिर देखें कि क्या आप सामान्य रूप से चल-फिर सकती हैं? क्या आपका शिशु सही तरीके से हिल-डुल रहा है? अगर आपके ब्लीडिंग की शिकायत है, पेट मे दर्द है या पेट में तेज चोट लगी है, तो बिना वक्त गंवाए अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह से पूरा चेकअप करवाएं।

संभाल

सामान्य दिनों में चलते-चलते फिसलकर या उलझकर लड़खड़ाकर गिर जाना चिंता की बात नहीं लेकिन प्रेग्नेंसी के नाजुक दिनों में गिरना जोखिमभरा हो सकता है। ऐसे में घर व आसपास कुछ एहतियाती उपाय करने जरूरी हैं ताकि दोनों जानों की सुरक्षा यकीनी बने सके।

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