रितु ढिल्लों
मनीषा तीसरे बच्चे की मां बनने वाली थी। रोजाना अपने पति से डॉक्टर के पास लेकर जाने की बात कहती है। पति आए दिन किसी काम का हवाला देते हुए टाल देता। कमजोरी महसूस होने के कारण वह घर का काम भी अच्छी तरह से नहीं कर पाती, जो उसकी सास को अखरने लगता। मनीषा का स्वभाव भी आए दिन चिड़चिड़ा होता जा रहा था। पति समझने लगा कि डॉक्टर के पास न लेकर जाने की नाराजगी में वह ऐसा कर रही है, जबकि सास इसके काम के लिए की जाने वाली टोकाटाकी को जिम्मेदार मानने लगती है, कहती हैं घर के जरूरी काम तो करने ही पड़ेंगे। फिर एक दिन मनीषा का पति उसे डॉक्टर के पास ले जाता है तो डॉक्टर उसे देखते ही जान लेती हैं कि शरीर में आयरन की बहुत कमी हो चली है, ठीक से परीक्षण करने के बाद डॉक्टर का शक कन्फर्म हो जाता है। मनीषा विस्तार से आपबीती बताती है तो डॉक्टर उसे आयरन की गोली नियमित रूप से लेने और आयरनयुक्त आहार लेने की सलाह देते हुए कहती हैं कि कुछ ही दिनों से सब ठीक हो जाएगा। हुआ भी वही। आयरन की कमी दूर हुई मनीषा पहले की तरह अपने सारे काम अच्छे से करने लगी और व्यवहार में भी मधुरता आनी शुरू हो गई। घरवालों की समझ में भी बात आई तो उन्होंने भी रुख में बदलाव किया।
दरअसल आयरन हमारे शरीर के लिए बड़ा जरूरी खनिज है। इसी की मदद से हमारा शरीर प्रोटीन, हीमोग्लोबिन और अन्य जरूरी एंजाइम बनाता है। आयरन की कमी से एनीमिया यानी खून की कमी होने लगती है। थोड़ा सा काम करने पर ही थकान महसूस होने लगती है और स्वभाव भी चिड़चिड़ा होने लगता है। दरअसल शरीर में आयरन की कमी से लाल रक्त कणिकाएं कम होने लगती हैं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होती है और एक दूरगामी नुकसान यह होता है कि शरीर के सभी टिश्यूज और मसल्स तक खून के जरिए होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा आयरन युक्त आहार लेने की जरूरत होती है। लखनऊ में अपर निदेशक (स्वास्थ्य) और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपा त्यागी बताती हैं कि गर्भावस्था में महिलाओं को आयरन की जरूरत सामान्य दिनों के मुकाबले दो गुना बढ जाती है। सरल भाषा में कहें तो पुरुष के मुकाबले गर्भवती को चार गुना आयरन की जरूरत होती है। दरअसल गर्भ में पल रहा बच्चा भी खुराक लेता है। नवजात बच्चों और किशोरावस्था में भी शरीर को ज्यादा आयरन की जरूरत होती है, लेकिन इन सब बातों का यह मतलब कतई न समझें कि आयरन की गोली कभी भी और कितनी भी खाई जा सकती है। कई बार आयरन की ओवरडोज जानलेवा तक हो सकती है, इसलिए आयरन की गोली केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लें। आयरन की गोली को दूध या चाय के साथ हरगिज न लें। चिकित्सकों के मुताबिक आयरन की गोली नींबू पानी के साथ लेनी चाहिए।
आयरन के बेहतर अवशोषण के लिए विटामिन सी की जरूरत होती है, नींबू के साथ गोली लेने से इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं। नींबू न होने पर टमाटर, अमरूद और आंवला और संतरा भी आयरन की गोली साथ ले सकती हैं, यह सब भी विटामिन सी के अच्छे श्रोत हैं। ध्यान रहे कि आयरन और कैल्सियम की गोली कभी भी एक साथ न खाएं। कैल्सियम की गोली सुबह और आयरन की गोली शाम को लेना बेहतर माना जाता है। आयरन की गोली लेते समय एक बात का ध्यान रखें। खाली पेट यह गोली न खाएं। कुछ खाने के आधे घंटे बाद ही आयरन की गोली लें।
लक्षण और उपचार
अधिक थकावट महसूस और सांस चढ़ना शरीर में आयरन की कमी का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा आंख की निचली पलक को थोड़ा नीचे की ओर खींचने पर दिखने वाली लाली भी इसकी सूचक होती है। आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन कम होने पर यह लाली कम हो जाती है, तो समझ लेना चाहिए कि आयरन की कमी हो रही है। डॉक्टर की राय पर ही आयरन की गोली शुरू करें। ध्यान रहे अच्छी सेहत के लिए जरूरी विटामिन और खनिज की पूर्ति दवा-गोली से की तो जा सकती है लेकिन यह पूर्ति प्राकृतिक स्रोतों से आहार के जरिए करना हमेशा बेहतर होता है। इसलिए आयरन की पूर्ति के लिए अपने आहार में मेथी, बथुआ, सरसों, चौलाई और पालक जैसी हरे रंग की पत्तेदार सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। हरे पत्तेदार सब्जियों में आयरन अधिक पाया जाता है। गुड़ और भुने चने का सेवन करने से भी शरीर को आयरन मिलता है। अंकुरित दालों को हरे पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाएं। काले तिल, गाजर, खजूर, चुकंदर, सहजन, व्हीट ग्रास और किशमिश में भी आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।