रजनी अरोड़ा
रंग-बिरंगे हरे-भरे इंडोर प्लांट्स आपकी बगिया और घर की शोभा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इनमें स्नेक प्लांट, मनी प्लांट, कोलियस, क्रोटन, पाम, फिलोडेंड्रोन, जेड प्लांट, फाइकस, लिलि, फर्न जैसे पौधे आते हैं। लेकिन सर्दियों में ज्यादातर पौधे डोरमेंसी या रेस्ट पीरियड में चले जाते हैं। कम तापमान,सर्द हवा, कोहरा आदि का असर पौधों पर भी पड़ता है। इन्हें खराब होने से बचाने को सर्दियों में विशेष संभाल जरूरी है।
गुनगुनी धूप
जहां तक संभव हो इंडोर प्लांट्स को धूप में रखें ताकि इन्हें धूप से एनर्जी मिलती रहे। लंबे समय तक अंधेरे में रहने से पौधे की जड़ें गलने लगती हैं। धूप से इनमें फोटो सिंथेसिस प्रक्रिया भी होगी और इनके रंग फीके या बदरंग होने से बचेंगे। अगर धूप न हो तो पौधों को घर के अंदर तेज रोशनी के नीचे रखना फायदेमंद है।
बचाव के लिए शेल्टर
सर्दी और ठंडी हवा ज्यादा हो तो बाहर रखे इंडोर प्लांट्स को चादर, ग्रीन नेट या पॉलिथीन शीट का शेल्टर बनाकर कवर कर सकते हैं। इससे ओस और मिट्टी से भी बचाव होगा क्योंकि इनसे पोर्स बंद होने पर पत्ते जलने लगते हैं।
नियंत्रित पानी
सर्दियों में पौधों की मिट्टी में काफी दिन तक नमी बनी रहती है इसलिए अपने इंडोर पौधों में पानी बहुत कम दें। ज्यादा पानी देने से जड़ें गलने लगती हैं, फंगस लगने का डर रहता है। पानी देने से पहले चैक कर लें कि पौधे की मिट्टी ऊपर से 1-2 इंच सूखी हो।
नियमित गुड़ाई
सप्ताह में एक दिन पौधे की मिट्टी की 1-2 इंच तक गुड़ाई करें। गुड़ाई से पौधों में एयर सर्कुलेशन बढ़ता है जिससे जड़ें मजबूत होती हैं।
ह्यूमिडिटी लेवल
कम ह्यूमिडिटी की वजह से फिलोडेंड्रोन जैसे पौधों के पत्ते खराब होने लगते हैं। इन्हें बचाने के लिए घर में ह्यूमिडिटी फायर लगाना चाहिए या फिर गमलों को इकट्ठे ग्रुप में रख दें।
मल्चिंग और रिपोटिंग
जड़ों को सर्दी से बचाने के लिए गमले की मिट्टी के ऊपर मल्चिंग करें। इसके लिए छोटे-छोटे स्टोन, नारियल रेशों, नीम के पत्तों की लेयर बिछा सकते हैं। वहीं सर्दी में डोरमेंसी में चले जाने के कारण कई इंडोर प्लांट्स के पत्ते झड़ने लगते हैं। जैसे क्रोटन में कई बार तो सिर्फ उसकी डंडी रह जाती है। पौधे को खराब होता सोचकर उसकी रिपोटिंग (गमला बदलना) या उसकी हार्ड प्रूनिंग (ज्यादा कटिंग) नहीं करनी चाहिए।
बल्ब सहेजना
कैलेडियम जैसे रंग-बिरंगे पत्तों वाले कई पौधों के पत्ते सर्दियों में खत्म हो जाते हैं। लेकिन उसका बल्ब मिट्टी में बना रहता है जिसे सहेजने की जरूरत है।
नीम ऑयल स्प्रे
फंगस अटैक से बचने के लिए पौधों के पत्तों और मिट्टी पर 10-15 दिन में एक बार नीम ऑयल स्प्रे करें। सर्दियों में इंडोर पौधों को ज्यादा फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं है।