रजनी अरोड़ा
अमूमन हर घर में तुलसी का पौधा होता है। यह पौधा दो तरह का होता है-श्यामा और हरी तुलसी। तुलसी बहुत गुणकारी होती है। ठीक से देखभाल की जाये तो तुलसी का पौधा साल भर हरा-भरा बना रहता है। तुलसी का पौधा सर्दियों में आमतौर पर डोरमेंसी में चला जाता है यानी उसकी ग्रोथ रुक जाती है। कोहरे, धुंध और ठंड से तुलसी का पौधा अक्सर मुरझा या सूख जाता है। सर्दियों में तुलसी का पौधा हरा-भरा रहे- इसके लिए खास देखभाल की जरूरत होती है।
असल में तुलसी एक ट्राॅपिकल प्लांट है जिसके लिए धूप बहुत जरूरी है। इसलिए पौधे को ऐसी जगह रखें जहां सूरज की रोशनी आती हो। संभव हो तो पौधे को रात के समय कमरे के अंदर ले जाएं। अन्यथा उसे ग्रीन कलर के नेट के कपड़े से ढक दें ताकि कोहरा पत्तों पर न जम पाये। आप सूती कपड़े, दुपट्टे, बैडशीट या पुरानी शाॅल रात के समय पौधे पर टांग दें। या फिर पौधे को सफेद रंग के बड़े पाॅलीथीन में 3-4 छेद करके कवर कर दें। सुबह धूप निकलने पर इन्हें पौधे के ऊपर से हटा दें। सर्दियों में तुलसी को पानी कम मात्रा में देना चाहिए। जब भी आप तुलसी के पौधे में पानी डालें, तब उसकी पत्तियों को स्प्रे से जरूर धोएं। इससे सर्दियों में तुलसी के पौधे पर अटैक करने वाले इंसेक्ट्स, बैक्टीरिया दूर होंगे। इसमें ऑर्गेनिक पेस्टीसाइड या इंसेक्टीसाइड से स्प्रे करें- नीम के पत्तों और ऐलोवेरा के पत्तेे पानी में उबाल और छान कर स्प्रे कर सकते हैं या नीम आॅयल को पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं। ऑर्गेनिक पेस्टीसाइड बनाने के लिए एक-एक छोटा चम्मच खाने वाला मीठा सोडा, दालचीनी पाउडर, कपूर का पाउडर और हल्दी को अच्छी तरह मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को पानी में 4-5 घंटे के लिए भिगो दें। छान कर पौधों में स्प्रे करें। इस मिश्रण को तुलसी की पत्तियों पर पानी से गीला करने के बाद छिड़काव कर सकते हैं ताकि यह काफी दिनों तक उन पर रह सके। इस मिश्रण को पौधे की जड़ में भी डाल सकते हैं।
मंजरी को हटाते रहें
सर्दी के मौसम में तुलसी के पौधे पर फूल और बीज बहुत बनने लगते हैं जिससे इसकी ग्रोथ रुक जाती है। जरूरी है कि पौधे पर लगे मंजरी/बीज/सीडपोड को काटते रहें। बीज को गमले में डाल दें ताकि नए पौधे उग सकें। इन बीजों को आप स्टोर भी कर सकते हैं। पौधे की सूखी डंडियों की भी पिंचिंग करते रहें ऐसा करने से पौधे में नयी ग्रोथ जल्दी होती है। तुलसी बुशी प्लांट है जो रेगुलर पिंचिंग से घना पौधा बनती है। पौधे को बुशी बनाने के लिए कटिंग करते रहना चाहिए। पौधे की मिट्टी की गुड़ाई 15 दिन में जरूर करें और आर्गेनिक खाद डालें। तुलसी को हरा-भरा रखने के लिए गमले के किनारे-किनारे मिट्टी में ब्लैकबोर्ड पर लिखने वाले चाॅक के दो-तीन टुकड़े भी दबा सकते हैं। चाॅक में काफी मात्रा में कैल्शियम होता है। पानी डालने पर चाॅक के ये टुकड़े घुल कर मिट्टी में मिल जाते हैं।