रजनी अरोड़ा
सर्दियों में गुलाब का फूल उस कदर नहीं खिल पाता, जैसी रंगत उसमें होती है। पौधे की ठीक तरह से देखभाल न करने से उसमें कई बीमारियां भी लग जाती हैं। इससे पौधे की ग्रोथ अच्छी नहीं हो पाती और मनचाहे फूल नहीं आ पाते। जरूरी है कि इस बदलते मौसम में कुछ ध्यान रखें। आइये जानते हैं कि सर्दियों में क्या देखभाल हो कि गुलाब खिला-खिला सा हो।
पौधा लगाते समय रखें ध्यान
नर्सरी से पौधा लेते समय ध्यान रखें कि प्लास्टिक बैग के छेद से जड़ें बाहर न निकल रही हों। घर पर लाकर कम से कम 4-5 दिन बाद ही गमले में लगाएं। प्लास्टिक के बजाय सीमेंट या मिट्टी के 8-10 इंच का गमला लें। गुलाब के लिए मिटटी धूप में सुखाकर इस तरह मिलाएं- गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट, बजरी रेत, रेत, पत्तों की खाद, मिटटी, नीम खली, आयरन डस्ट, कोको पीट। कोशिश करें प्लास्टिक बैग में आए पौधे को निकालकर बाल्टी में पानी में भिगो दें ताकि उस पर लगी लाल मिट्टी हट जाए। क्योकि यह मिट्टी पौधे की जड़ों को फैलने नही देती और पौधे का विकास ठीक तरह नहीं हो पाता। सिर्फ जड़ के साथ पौधे को गमले में लगाएं। ऊपर से पानी दें। नए लगाए पौधों को एक सप्ताह तक सीधी धूप में न रखें और रोजाना पत्तों पर शॉवरिंग जरूर करें।
रेगुलर करें प्रूनिंग
सबसे जरूरी है देसी गुलाब की हार्ड प्रूनिंग और अंग्रेजी गुलाब की सॉफ्ट। यानी फूल आने के बाद पौधे पर लगे रह जाते हैं और सूख जाते हैं। इन फूलों को कैंची या कटर की मदद से फूल की डंडी से थोडा नीचे नोड एरिया से काट दें। थोडी-सी हल्दी में पानी मिलाकर बना पेस्ट या रुटीन हार्मोन कटिंग वाली जगह पर लगाएं। इससे पौधे में डाई बैक नामक बीमारी नहीं लगेगी यानी कटिंग की गई डंडी नहीं सूखेगी। कटिंग वाली जगह से शाखाएं निकलेंगी और ज्यादा फूल आएंगे।
स्पाइडर जाले से बचाएं
पत्तियों पर स्पाइडर जाले बना लेते हैं जिसकी वजह से वो खराब हो जाती है और पौधा भी खराब हो जाता है। इससे बचने के लिए पत्तों को काट देना चाहिए ताकि पौधा खराब न हो। इसके लिए एक चम्मच कीटनाशक या नीम ऑयल को पानी में मिलाकर पौधे पर सप्ताह में एक बार स्प्रे करें। इसके साथ ही फंगस लगने से पौधे की पत्तियों में काले रंग के स्पॉट्स पड़ जाते हैं या पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। जिससे पौधा खराब हो जाता है। फंगस से बचाने के लिए मिट्टी में हल्दी पाउडर डाल कर हल्की-सी गुड़ाई कर देनी चाहिए। गुड़ाई करके ऊपर की थोड़ी मिट्टी निकाल दें और उसे 1-2 दिन के लिए धूप लगने दें। या फिर एक लिटर पानी में तकरीबन 10 ग्राम हल्दी पाउडर मिलाकर पौधे पर स्प्रे भी कर सकते हैं।
कीड़ों से बचाएं
गुलाब के पत्तों और कलियों पर काले रंग के छोटे-छोटे चिपचिपे कीड़े लग जाते हैं जो कलियां खिलने नहीं देते। इन कीड़ों को हटाने के लिए हर 15 दिन में लिक्विड सोप को 1 लिटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। इसमें नीम का तेल भी मिला सकते हैं। पौधे में कई डैड शूट बन जाती हैं जिनमें ऊपर से कोई नयी शाखा विकसित नही होती। उसके ऊपर सिर्फ पत्तियां होती हैं। ऐसी डैड शूट की प्रूनिंग करके हल्दी का पेस्ट लगाना चाहिए। थोड़े समय बाद उनमें से नयी शाखाएं निकल आती हैं और पौधा घना हो जाता है और फूल ज्यादा आते हैं। ध्यान रखें कि अक्सर पौधे में छोटी-पतली शाखाएं निकलती रहती हैं जिन्हें काटकर निकाल देना चाहिए। इनसे पौधे की बढ़त रुक सकती है। यह भी ध्यान रखें कि गुलाब का पौधा हैवी-फीडर है यानी फूल ज्यादा पाने के लिए फर्टिलाइजर डालने की ज्यादा जरूरत होती है। सर्दियों में गुलाब के पौधे में अच्छी तरह डीकम्पोज्ड गोबर खाद डालना बेस्ट है। यह खाद पौधे को न्यूट्रीशन के साथ ऊष्मा भी प्रदान करेगी। खाद डालने से पहले मिट्टी की 1-2 इंच गुड़ाई जरूर कर लें। जड़ के आसपास से थोड़ी मिट्टी निकाल लें। बोन मील, नीम खली, मस्टर्ड केक और पोटाश मिलाकर खाद डालंे। मिट्टी में अच्छी तरह मिलाएं और पानी डालें। 10-12 दिन बाद वर्मी कम्पोस्ट, बनाना पील फर्टिलाइजर देना फायदेमंद हैं। प्याज के छिलके का पानी भी डाल सकते हैं।
धूप में रखें
पौधे की अच्छी बढ़त और ज्यादा फूल पाने के लिए पौधे को 4-5 घंटे धूप में रखना बहुत जरूरी है। सप्ताह में एक बार गुड़ाई जरूर करें। उसमें लगी घास या गिरी हुई पत्तियों को बराबर निकालते रहें। इनसे मिट्टी में फंगस लग सकती है और पौधे की ग्रोथ पर असर पड़ता है। सर्दियों में पौधे को पानी तभी दें जब ऊपर की मिट्टी पूरी तरह सूख जाए। आमतौर पर 3 दिन बाद ही पानी दें।