श्रुति हसन का अपने पिता कमल हसन के साथ गाया गया एक गाना ‘हे राम’….फिर से खूब वायरल हुआ है। श्रुति साल 2000 में अपने पिता की ही एक फिल्म हे राम के एक गाने से बहुत इंप्रेस्ड थीं। बाद में इस गाने को उन्होंने अपने पिता के साथ लाइव शो में पेश किया। हाल ही में राम मंदिर निर्माण के अवसर पर सोशल मीडिया में तो जैसे इस गाने की धूम मच गई। यह अभिनेत्री श्रुति का एक निराला रूप है। हिंदी फिल्मों के लिए भी उन्होंने कुछ गाने गाये हैं, पर साउथ की फिल्मों के लिए वह लगातार गा रही हैं। इसलिए अगर हिंदी फिल्मों में उन्हें बहुत कम अवसर मिलते हैं तो उन्हें अफसोस नहीं होता। उनका अपना बैंड ग्रुप है। उन्होंने अपना पहला गाना अपने पिता की ही फिल्म थेवर मगन में गाया था। इसके संगीतकार इलैया राजा थे। फिर कमल की ही एक हिंदी फिल्म ‘चाची 420’ में उनके साथ एक गाना था। लक में भी उनका एक गाना ‘आज़मा ले’… खूब पसंद किया गया था।
सिद्धार्थ मल्होत्रा को ‘शेरशाह’ का इंतजार
सिद्धार्थ मल्होत्रा की सारी उम्मीदें करण जौहर की फिल्म ‘शेरशाह’ पर टिकी हुई हैं। यह फिल्म परमवीर चक्र विजेता सेना के कैप्टन विक्रम ब़त्रा की शौर्य गाथा पर केंद्रित है। सिद्धार्थ की मुश्किल यह है कि करण जैसे मेंटर के बावजूद उनका करिअर कुछ खास आगे बढ़ नहीं पाया है। अपने दस साल के फिल्मी करिअर में एक दर्जन से ज्यादा फिल्मों में काम करने के बावजूद उनका कोई भी दांव सीधा नहीं पड़ा है। बीच में यह खबर भी आई थी कि वह फिर से अपनी माॅडलिंग की दुनिया में लौट जाएंगे, पर इस बात का सिद्धार्थ ने यह कहते हए खंडन कर दिया कि वह बीच-बीच में तो माॅडलिंग करते रहते हैं। यह अजीब बात ही है कि नीरज पांडे, मोहित सूरी जैसे कई काबिल निर्देशकों की फिल्मों में काम करने के बावजूद उनका ग्राफ अभी वहीं है। बेशक करण ने दो और फिल्मों की घोषणा कर दी है, पर फिलहाल सिद्धार्थ की उम्मीदें शेरशाह पर टिकी हैं।
कियारा को भाती है हरियाली
कियारा आडवाणी इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री का नया क्रेज़ हैं। उनकी दो फिल्में ‘लक्ष्मी बॉम्ब’ और ‘इंदु की जवानी’ जून-जुलाई में रिलीज होने वाली थी, पर लाॅकडाउन के चलते तारीख टल गयी। अब ये दोनों ही फिल्में ओटीटी पर रिलीज होंगी। जाहिर है कियारा इससे बहुत खुश हैं। कियारा मानती हैं कि जब बड़ी विपदा सामने आ गई है तो उसके चलते सारे काम तो नहीं रुक जाएंगे। उनका सामना करते हुए अपने काम को आगे बढ़ाते रहना चाहिए। इस समय बाॅलीवुड की चार-पांच बड़ी फिल्मों में काम कर रही कियारा की दो फिल्में ‘भूल-भुलैया’ और ‘शेरशाह’ की शूटिंग अचानक रुक गई है। प्रकृति की पक्षधर कियारा कोरोना जैसी बड़ी बीमारी के लिए हमारे आसपास के दूषित पर्यावरण को एक बड़ी वजह मानती हैं। इसलिए उन्हें देश के पहाड़ी अंचल बहुत आकर्षित करते हैं। यही नहीं वह किसी भी ऐसी जगह अपनी छुट्टियां बिताना पसंद करती हैं जहां भरपूर हरियाली हो। कियारा कहती हैं, ‘साउथ में भी मैं ऐसी जगहों में ज्यादा जाती हूं। वैसे बीच-बीच में गोवा का चक्कर लगाना मुझे पसंद है।’
जाह्नवी के साथ फिल्म बनाएंगे बोनी
हाल ही में ओटीटी पर फिल्म ‘गुंजन सक्सेना’ को कोई खास रिस्पोंस नहीं मिला। जाह्नवी के पास अब भी दो-तीन अच्छी फिल्में हैं। वह खुद निराशाजनक बातों को अहमियत नहीं दे रही हैं। कारगिल युद्ध की महिला एयरफोर्स पाॅयलट गुंजन सक्सेना के अपने किरदार को लेकर जाह्नवी उत्साहित थी, पर इस फिल्म ने उन्हें एक तरह से हताश किया है। वैसे कभी उनकी मां अदाकारा श्रीदेवी ने उनके लिए जो करिअर ग्राफ बनाया था, वह उनकी पहली फिल्म धड़क की महा विफलता के बाद काफी भटक गया है। उनके करिअर को लेकर उनके पिता एवं बड़े निर्माता बोनी कपूर भी काफी सक्रिय हैं। खबर है कि बोनी अब खुद बेटी को लीड रोल में लेकर एक फिल्म बनाना चाहते हैं। लाॅकडाउन में इसकी पूरी योजना उन्होंने बना ली है।
‘सरदार उधम सिंह’ पर गंभीर सुजीत सरकार
बेहद जहीन निर्देशक सुजीत सरकार महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार उधम सिंह को लेकर बंहद गंभीर हैं। यह एक बायोपिक है। सुजीत के मुताबिक कॉलेज के दिनों से ही उधम सिंह के व्यक्तित्व से बहुत ज्यादा प्रेरित थे। अब अरसे बाद उन्हें यह मौका मिला है। फिर गुलाबो-सिताबो के बाद से उन पर बड़ा दबाव भी है। ऐसे में विकी डोनर, मद्रास कैफे, पीकू जैसी कई फिल्मों के उम्दा फिल्मकार सुजीत सरकार के लिए फिल्म उधम सिंह बड़ी चुनौती बन गई है। चूंकि फिल्म 2021 के जनवरी में रिलीज होगी, इसलिए लाॅकडाउन में उन्होंने इस फिल्म की मुकम्मल तैयारी कर ली है। इसकी शूटिंग लंदन के अलावा यूरोप, रूस, आयरलैंड, जर्मनी और भारत में होगी। बड़े बजट की इस फिल्म को वह अक्तूबर तक पूरी कर देना चाहते हैं। अभिनेता विकी कौशल के अलावा इसमें ब्रिटिश एक्ट्रेस बनिता संधू श्रुति तिवारी का एक अहम किरदार कर रही हैं।
अक्षय अब नये भारत कुमार
इन दिनों पूरी तरह से आराम फरमा रहे वरिष्ठ फिल्मकार और अभिनेता मनोज कुमार को उनकी देशभक्ति फिल्मों के लिए सिने रसिक कभी नहीं भूल सकते। इसीलिए उन्हें उस दौर में भारत कुमार कहा जाने लगा था। इस दृष्टि से देखें तो अक्षय कुमार काफी हद तक इस संबोधन को फाॅलो कर रहे हैं। कई फिल्में जैसे ‘बेबी’, ‘टाॅयलेट-एक प्रेम कथा’, ‘एयरलिफ्ट’, ‘पैडमैन’, ‘गोल्ड’, ‘केसरी’, ‘मिशन मंगल’ में उनका देशभक्ति वाला अक्स साफ नजर आता है। एकाध अपवादों को छोड़ दें तो आने वाली कुछ फिल्मों जैसे सूर्यवंशी, पृथ्वीराज में भी उनका यही चेहरा दिखाई पड़ेगा। यहां यह बताना ज़रूरी है कि मनोज ने भारत कुमार का संबोधन शुद्ध मसाला फिल्मों में काम करके अर्जित किया था। अब अक्षय भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। अब यह दीगर बात है कि जाॅन अब्राहम या अजय देवगन सेे भी उन्हें इस तरह की चुनौती मिल रही है। खास तौर से जाॅन इधर ऐसी ही कुछ फिल्मों में काम कर रहे है। आने वाली उनकी कुछ फिल्मों ‘सत्यमेव जयते-2’, ‘मुंबई सागा’, ‘अटैक’ आदि में परोक्ष या अपरोक्ष रूप से देशभक्ति का जज्बा साफ दिखाई पड़ेगा।