प्रदीप सरदाना
त्योहारी मौसम में उत्सवों पर काफी हद तक प्रतिबंध सा लगा हुआ है। लेकिन कहते हैं ना कि ’जहां चाह वहां राह।’ इसे टीवी अभिनेत्री ऋषिना कंधारी ने चरितार्थ कर दिखाया है। इन दिनों दंगल टीवी के चर्चित सीरियल ‘ए मेरे हमसफर’ की शूटिंग में लगातार व्यस्त होने के कारण ऋषिना को पूजा पाठ का समय नहीं मिल पा रहा तो उन्होंने अपने मेकअप रूम को ही मंदिर बना डाला। ऋषिना कहती हैं, ‘वर्तमान हालात में हम शूटिंग के बाद कहीं बाहर जाकर उत्सव नहीं मना सकते। फिर ज्यादातर समय सेट पर रहने से, घर पर भी यह संभव नहीं। इसलिए मैंने सेट पर अपने मेकअप रूम को ही मंदिर बना लिया है। मैं ‘होइहि सोइ जो राम रचि राखा’ पर विश्वास करती हूं। मेकअप रूम में पहुंचते ही सबसे पहले वहां कर्पूर जला देती हूं। फिर शूटिंग के लिए तैयार होते-होते रामायण का पाठ चला कर सुनती रहती हूं। जब भी शूटिंग ब्रेक के बाद मेकअप रूम में आती हूं तो भजन सुनती हूं। इससे मेरे मेकअप रूम का वातावरण दिव्य होने के साथ ही यह सब मुझे सकारात्मक सोच भी देता है। यहां तक कि सेट पर मौजूद और लोग भी कहने लगे हैं कि उन्हें मेरे मेकअप रूम में मंदिर वाला ही अनुभव मिलता है।
तिवारी चाहते हैं रावण को मारना
इन दिनों काफी टीवी सीरियल उत्सव आधारित थीम पर दिख रहे हैं। ऐसे ही नज़ारे एंड टीवी के शो ‘भाबी जी घर पर हैं’ में भी देखे जा सकते हैं। कहानी कुछ ऐसे है कि दशहरा कमेटी अंगूरी भाभी को अपना सदस्य बनाती है जिससे अंगूरी अपने पति तिवारी से दशहरा आयोजन को प्रायोजित करा सके। तिवारी प्रायोजक बनने के लिए तैयार हो जाते हैं, लेकिन उनकी एक शर्त है कि रावण दहन के समय वही अपने तीर से रावण को मारेंगे। कमेटी इस बात के लिए सहमत हो जाती है। जब यह बात विभूति को पता चलती है तो वह परेशान हो उठते हैं। तिवारी को अहमियत न मिले, इसके लिए वह कमेटी वालों के सामने तिवारी की इमेज खराब करने में जुट जाते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि तिवारी की इच्छा पूरी होती है या विभूति का मंसूबा।
नेगेटिव रोल से मायरा की शुरुआत
ज़ी टीवी पर प्रसारित ‘गुड्डन तुमसे ना हो पाएगा’ में 20 साल के लीप के बाद कहानी में नया ट्विस्ट लाने की तैयारी तेजी से होने लगी हैं। सीरियल में एक नए चरित्र निया को लाया जा रहा है। निया की भूमिका के लिए मायरा मिश्रा को चुना गया है। यूं इससे पहले मायरा को ‘कुमकुम भाग्य’ में रिया मेहरा के लिए फ़ाइनल कर लिया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण मायरा अपने शहर बरेली चली गयी और तब मायरा की जगह रेहना पंडित को रिया बना दिया गया। मायरा कहती हैं, ‘मैं निया की भूमिका से खुश हूं। मुझे पहली बार ही नेगेटिव किरदार करने को मिल रहा है। असल में निया का चरित्र काफी उलझा हुआ है। वह देखने में एक परफेक्ट बहू और एक मां दिखाई देती है, लेकिन असल में वह वैसी नहीं है जैसा लोग उसके बार में सोचते हैं। मुझे उम्मीद है मेरा यह रोल दर्शकों को पसंद आएगा।’
स्टार प्लस पर ‘तारे जमीन पर’
साल 2007 में आमिर खान की एक फिल्म आई थी-‘तारे ज़मीन पर।’ बच्चों की समस्याओं पर आधारित यह फिल्म ख़ासी लोकप्रिय हुई थी। आमिर खान ने इसमें बाल कलाकार दर्शील सफारी के साथ अहम भूमिका भी की थी। अब ‘तारे ज़मीन पर’ के नाम से ही स्टार प्लस बच्चों का एक सिंगिंग शो शुरू करने जा रहा है। दो नवम्बर से शुरू होने वाले इस शो में शंकर महादेवन, जोनिता गांधी और टोनी कक्कड़ जज, बच्चों के मेंटर होंगे। शंकर महादेवन ने एक गायक और संगीतकार के रूप में तो अपनी अद्धभुत पहचान बनाई ही है। साथ ही टीवी शो में भी जज के रूप में उन्हें काफी पसंद किया जाता रहा है। जोनिता और टोनी भी आजकल गायन प्रतिभा से तेजी से उभर रहे हैं। शंकर इस शो के बारे में दो खास बात बताते हैं। एक यह कि ‘तारे ज़मीन पर’ टाइटल आमिर खान के पास रजिस्टर्ड था, लेकिन उन्होंने हमारे शो का कांसेप्ट सुनने के बाद इसे हमको दे दिया। दूसरा इस सिंगिंग शो की एक खास बात यह है कि यह 20 ऐसे बच्चों की गायन यात्रा दिखाएगा जो सिर्फ गाना चाहते हैं। शो में जीत-हार या प्रतियोगिता से बाहर निकलने का मंज़र नहीं होगा। सभी सीखेंगे, सभी जीतेंगे।
तरुण मुश्किलों से जूझकर बने ‘शिव’
तरुण खन्ना टीवी के एक ऐसे कलाकार हैं, जो टीवी पर बार-बार शिव बनकर आते रहे हैं। हालांकि ‘देवों के देव महादेव’ से अभिनेता मोहित रैना ने शिव के रूप में जो लोकप्रियता पाई, उसका कोई जवाब नहीं, लेकिन मोहित के बाद तरुण खन्ना का चेहरा भी अब शिव के रूप में उनकी नयी पहचान बनाता जा रहा है। तरुण अब तक विभिन्न सीरियल में सात बार शिव की भूमिका कर चुके हैं। इन दिनों भी वह दंगल टीवी के ‘देवी आदि पराशक्ति’ में शिव बने हुए हैं। तरुण बताते हैं, ‘आज मुझे खुशी है कि मुझे सर्व शक्तिशाली शिव की भूमिका के लिए बार-बार याद किया जाता है, लेकिन आज जब मैं अपने बचपन के दिनों को याद करता हूं तो सिहर उठता हूं। मुझे कुछ लोगों ने बहुत तंग किया। इसलिए बड़ा होने पर भी बहुत कमजोर था और हमेशा बीमार रहता था। मेरे साथी मेरा मज़ाक उड़ाते थे। एक दिन मैंने संकल्प लिया कि मैं अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कड़ी मेहनत करूंगा। फिट और मजबूत बनकर रहूंगा। मैंने हर दिन 30 से 45 मिनट तक योग और व्यायाम करके खुद को अब ऐसा बना लिया है कि महादेव की भूमिका आसानी से निभा सकता हूं।