दुनिया की आबादी का बड़ा हिस्सा धूम्रपान व तंबाकू की लत का शिकार है। स्मोकिंग के सेहत पर दुष्प्रभाव से वाकिफ और छुटकारा पाने के इच्छुक लोग भी इसके जाल से निकल नहीं पाते। तंबाकू छोड़ने के लिए कठिनाइयों यानी विड्रॉल सिम्टम पर कैसे पार पायें इसी को लेकर जनरल फिजीशियन लोकनायक अस्पताल, दिल्ली डॉ. नरेश कुमार से रजनी अरोड़ा की बातचीत।
सिगरेट पीना स्लो पॉयजनिंग है। स्टाइल, स्टेटस और पियर प्रेशर से शुरू हुआ सिगरेट पीने का शौक अक्सर अनचाही लत बन जाती है। असल में सिगरेट पीने से शरीर के अंदर निकोटीन जाता है जिससे ब्रेन में डोपामाइन हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है। इससे स्ट्रेस और एंग्जाइटी कम होती है और फील गुड महसूस होता है। रिलेक्स होने के लिए व्यक्ति बार-बार सिगरेट पीता है और ब्रेन को भी सिगरेट की आदत पड़ जाती है।
क्यों है खतरनाक
एक सामान्य आकार 70 एमएम की सिगरेट में मौजूद 4 हजार से ज्यादा कैमिकल जहरीले और जानलेवा होते हैं। निकोटिन के साथ कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, अमोनिया,सल्फर, एल्कोहल, मीथनॉल, कैडमियम, मिथेन, आर्सेनिक जैसे खतरनाक कैमिकल मिलते हैं। हर कश के साथ 50 से ज्यादा जहरीले कैमिकल शरीर में पहुंचते हैं। जो बाद में धीरे-धीरे मस्तिष्क के कॉर्टेक्स हिस्से में पहुंचते हैं और उसे कमजोर कर देते हैं। इससे सोचने-समझने और रोजमर्रा के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। मस्तिष्क से निकलने वाले हार्मोन्स के जरिये ये पूरे शरीर में फैल जाते हैं। ये जहरीले पदार्थ शरीर में पहुंच कर कई तरह की बीमारियां पैदा करते हैं।
सिगरेट की लत है जानलेवा
भारत की 35 प्रतिशत आबादी किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करती है। औसतन 17 साल की उम्र में भारत में तंबाकू के सेवन की शुरुआत हो जाती है। इनमें से 69 प्रतिशत लोग स्मोकिंग छोड़ना भी चाहते हैं, लेकिन विड्रॉल सिम्टम ल न पाने के कारण प्रायः असफल रहते हैं। ग्लोबल एडल्ट टबैको सर्वे की मानें तो सिगरेट पीने वाले 92 प्रतिशत लोगों को यह पता होता है कि स्मोकिंग खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकती है। फिर भी गिरफ्त में आ जाते हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हर साल दुनिया में तंबाकू की वजह से बीमारियों के कारण 80 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
विड्रॉल सिम्टम से न घबराएं
सिगरेट की तलब 72 घंटे तक ही व्यक्ति को चुनौती देती है। उसमें कई विड्रॉल सिम्टम ( सिगरेट पीने की तलब होना, बेचैनी और अवसाद, चिड़चिड़ापन और भूख न लगना, सिरदर्द होना, एनर्जी की कमी, नींद न आना) भी देखे जा सकते हैं । लेकिन अगर वो तीन दिन बिना सिगरेट के गुजार देता है, तो कामयाब हो सकता है।
सिगरेट छोड़ना मुश्किल नहीं
हालांकि सिगरेट छोड़ने की राह में व्यक्ति को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति, घर-बाहर के लोगों और दोस्तों के समर्थन की बदौलत सिगरेट के जाल से निकल सकते हैं। सबसे जरूरी है सिगरेट छोड़ने के अहम कारण निर्धारित करना। ऐसे ठोस कारण जो सिगरेट छोड़ने के लिए प्रेरित करें। वो चाहे परिवार के पैसिव स्मोकिंग की चपेट में आने से बचाव और खुशहाली हो या सेहत बचाना। साथ ही सिगरेट छोड़ने का समय या लक्ष्य तय करना चाहिए। सिगरेट छोड़ने के निर्णय के बारे परिवार व दोस्तों को जरूर बताएं। ताकि वे लोग मदद कर सकें। वहीं कल-परसों के फेर में न पड़ कर सिगरेट उसी मौके से छोड़ देनी चाहिए जब ठान लें। अपने स्मोकिंग-ट्रिगर से दूर रहें। यानी व्यक्ति जिन परिस्थतियों में या लोगों के साथ सिगरेट पीता है- उनसे दूर रहे। वहीं स्मोकिंग छोड़ने के फायदों की लिस्ट अपने कमरे में लगा लें,घर में पॉजीटिव माहौल बनाएं। अपने आसपास से लाइटर, एश ट्रे, सिगरेट को हटा दें। तलब दूर करने के लिए ड्राई फ्रूट्स, फल या पसंदीदा स्नैक्स, चॉकलेट, कैंडीज, च्यूंगम या पानी हमेशा पास रखें। जब तलब हो, अपनी पसंदीदा चीजें खानी चाहिए। निकोटीन के लिए बार-बार होने वाली तलब शांत करना चुनौतीपूर्ण है। हालांकि यह काफी मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं। असल में सिगरेट पीने की तलब 15-20 मिनट रहती है। व्यक्ति दृढ़ इच्छाशक्ति से इस तलब को नियंत्रित कर सकता है। तलब उठने पर व्यायाम, सैर, गेम्स खेलना, म्यूजिक-डांस, फिल्में, ड्राइंग, पेंटिंग, गार्डनिंग या कुकिंग में व्यस्त रहें या फिर मेडिटेशन, योग की आदत डालें।
मेडिकल मदद भी
सिगरेट छोड़ने की प्रक्रिया में व्यक्ति को सिरदर्द और चक्कर आना जैसे विड्रॉल सिम्टम्स हो सकते हैं, जिन्हें थोड़ी सी मेहनत से काबू किया जा सकता है। अगर ये लक्षण एक-डेढ़ सप्ताह से ज्यादा समय तक चलते हैं तो डॉक्टर को कंसल्ट करना बेहतर है। चिकित्सक द्वारा व्यक्ति की स्थिति के आधार पर काउंसलिंग की जाती है और जरूरत के मुताबिक समुचित दवाइयां दी जाती हैं। डॉक्टर निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी, निकोटिन पैचेज़, निकोटिन च्यूंगम, मेडिसिन उपलब्ध हैं। बता दें कि निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी में निकोटिन बिना किसी नुकसानदेह कैमिकल के दिया जाता है जैसे स्किन पैच, मीठी गोलियां, च्यूंगम, नेज़ल स्प्रे, इन्हेलर, मेडिसिन। सिगरेट छोड़ने के करीब एक साल बाद धीरे-धीरे व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होने लगता है।