अजेश कुमार
महामारी के इस दौर में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हम-आप कई जतन कर रहे हैं। इस वक्त तन के साथ-साथ मन की सेहत पर भी ध्यान दिये जाने की जरूरत है। इन दिनों बच्चे घर पर ही हैं। घर के अन्य सदस्यों को भी ज्यादातर समय घर पर रहना पड़ता है। ऐसे में कई बार खटपट भी हो जाती है। खटपट के साथ ही मन में कई तरह की आशंकाएं। कहीं बीमार हो गये तो आइसोलेशन में जाना पड़ेगा। फिर अकेले रहने का भय। इसके साथ ही उपचार में होने वाले खर्च के भय आदि के कारण अनेक लोग मानसिक रूप से परेशान चल रहे हैं। कोविड-19 को लेकर लोग काफी चिंतित है। इस चिंता के चलते मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने लोगों में पनप रही इस मानसिक समस्या को लेकर चिंता जताई है और मानसिक बीमारियों की चपेट में आ रहे लोगों के प्रति सरकारों को ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया है। कोरोना की चपेट में आने वालों के बढ़ते आंकड़े और लगातार हो रही हजारों मौतों की खबरें बच्चों, युवा और बुजुर्ग लोगों को लगातार परेशान कर रही हैं। मधुमेह, गुर्दे, हार्ट व अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोग मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं। इस संबंध में एक सर्वे में पाया गया है कि कोविड-19 का प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य को विश्व स्तर पर प्रभावित कर रहा है। इस अदृश्य बीमारी की चपेट में आने का भय मानसिक तनाव व असुरक्षा का माहौल बना रहा है।
कोरोना वाॅरियर्स भी चिंताग्रस्त
कोविड-19 की चपेट में आने वाले लोगों के अलावा कोरोना वॉरियर्स जैसे कि पैरामेडिकल स्टाॅफ, डाॅक्टर, नर्स, सफाईकर्मी व अन्य लोग मानसिक समस्याओं जैसे चिंता, अवसाद, चिड़चिड़ापन, बुरे विचार आना, आर्थिक चिंता आदि समस्याओं से गुजर रहे हैं। कोरोना के संक्रमण के लगातार बढ़ते आंकड़ों से कई लोग इस बात से चिंतित हैं कि कहीं उन्हें भी कारोना न हो जाए। अनिश्चितता के इस माहौल में मानसिक स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न हो रहा है। तमाम तरह की आशंकाओं के कारण लोग अवसाद के दौर से गुजर रहे हैं। मन की बीमारी के जोखिम से बचने के लिए लोगों को अब मानसिक स्वास्थ्य की जरूरतों को प्राथमिकता देनी होगी।
क्या करें
इस स्थिति से बचने के लिए लोग चिकित्सक की सलाह लें और कुछ जरूरी चीजों को अपनायें। जीवन के वर्तमान रूप को स्वीकार करें और भविष्य की चिंता न करते हुए खुशहाल जीवन जिएं। सकारात्मक सोच को जीवन में उतारें और खुद को व्यस्त रखें। घबराहट को कम करने के लिए योग, प्राणायाम, अनुलोम-विलोम व योग्य योग चिकित्सक से सलाह लें इम्यूनिटी बढ़ाने वाले योग करें। घर में अवसादग्रस्त लोगों में नयी उमंग लाने के लिए सकारात्मक सोच पैदा करें, मेडिटेशन का सहारा लें। टीवी पर कोविड-19 से संबंधित समाचार को ज्यादा न देखें। बच्चों को पढ़ाई आदि व बुजुर्ग लोगों को सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें, जिससे उनमें नकारात्मक विचार न आने पाए। कोविड-19 को अन्य बीमारियों की तरह समझें और सोशल डिस्टेंसिंग को अमल में लाते हुए जीवनशैली को अपनाएं।
(एम्स के मनोरोग चिकित्सक डाॅ. राजेश सागर से बातचीत पर आधारित)