शिखर चंद जैन
व्रत और त्योहार हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। अक्सर व्रत करने का महिलाओं पर ज्यादा जोर रहता है। इसमें बुराई भी नहीं, लेकिन प्रेगनेंसी में व्रत आदि करना हो तो बेहतर होगा अपनी चिकित्सक या डाइटीशियन से सलाह ले लें। डाइटिशियन संगीता मिश्र का कहना है कि प्रेगनेंसी में लंबे समय तक बिल्कुल भूखे पेट नहीं रहना चाहिए। फास्टिंग के दौरान पौष्टिक व कार्बोहाइड्रेट युक्त फूड लेना जरूरी है।
कर्बहाइड्रेट का महत्व समझें
कार्बोहाइड्रेट दो तरह के होते हैं-स्लो और फास्ट, जो किसी फूड के ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर निर्भर करता है। फास्ट कार्ब में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो तेजी से एनर्जी रिलीज करता है और इसका इस्तेमाल भी जल्दी हो जाता है। इसके सेवन से भूख बार-बार लगती है और वजन बढ़ने का जोखिम रहता है। इनमें प्रोसेस्ड फूड जैसे ब्रेड, शुगर, स्टार्च वाली सब्जियां, फ्रूट जूस आदि होते हैं, जबकि स्लो कार्ब का जीआई लो होता है और यह शरीर में धीरे-धीरे एनर्जी रिलीज करता है। इसके सेवन से लंबे समय तक तृप्ति महसूस होती है, ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहता है। लो कार्ब के लिए व्होल ग्रेन, सीड, नट्स, बीन्स, लेग्युम्स, वेजिटेबल्स आदि का सेवन करना चाहिए। इनमें फाइबर भी समुचित मात्रा में होता है। इनसे वेट गेन का जोखिम नहीं रहता और कैलोरी मेंटेन करने में भी मदद मिलती है।
फ्लेक्सिबल रहें
व्रत के दौरान प्रेगनेंट महिलाओं को थोड़ा लचीला रुख़ रखना चाहिए। पोषण की कमी से न सिर्फ प्रेगनेंट महिलाओं बल्कि सामान्य महिलाओं को भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। जिन प्रेगनेंट महिलाओं को डायबिटीज, एनीमिया हाई बीपी जैसी समस्याएं हो उन्हें फास्टिंग से बचना चाहिए। ध्यान रहे कि अगर फास्टिंग बहुत जरूरी हो तो फल, दूध, मेवे आदि लेते रहने चाहिए।
भोजन का चयन सावधानी से
फास्टिंग में आप बार-बार नहीं खातीं इसलिए स्लो कार्ब फूड लेने चाहिए ताकि एक बार खाने के बाद लंबे समय तक भूख न लगे। इन्हें पचने में भी समय लगता है। आप आलू और साबूदाना लें। फाइबर युक्त सब्जियां (पालक, पत्तागोभी, टमाटर, शिमला मिर्च, लौकी आदि) लें। सामक चावल भी व्रत में लिए जाते हैं। इनमें अच्छी मात्रा में फाइबर, विटामिन बी कॉम्पलेक्स, प्रमुख मिनरल्स (आयरन, मैग्नीशियम) आदि होते हैं।
बेहतर होगा कि डीप फ्राई की गई पूरी, साबूदाना बड़ा, आलू के चिप्स या अन्य तेज नमक, चीनी या वसा वाले गरिष्ठ व्यंजन न लें। सूखे मेवे लें जिनमें आपको खूब पोषण मिलेगा। मौसमी फल और सब्जियां लें। पानी पर्याप्त मात्रा में पीएं। अच्छा होगा कि नींबू पानी, छाछ और नारियल पानी आदि का सेवन करें।