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खेल-खेल में व्यायाम से सेहतमंद रहेगा बचपन

शिखर चंद जैन इन दिनों हर किसी की शिकायत है कि बच्चे सिर्फ मोबाइल ,लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में ही लगे रहते हैं। यही कारण है कि उनमें मोटापा,आंखों की रोशनी कम होना, डायबिटीज व स्ट्रेस सहित कई लाइफस्टाइल...

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शिखर चंद जैन

इन दिनों हर किसी की शिकायत है कि बच्चे सिर्फ मोबाइल ,लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में ही लगे रहते हैं। यही कारण है कि उनमें मोटापा,आंखों की रोशनी कम होना, डायबिटीज व स्ट्रेस सहित कई लाइफस्टाइल डिजीज के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है उन्हें ऐसा माहौल व सीख दें जिससे वे बचपन की खेल-कूद व आउटडोर एक्टिविटीज में मस्त रहें। इस दौरान उनका व्यायाम खुद-ब-खुद हो जायेगा। ऐसे में यदि खुद एक्टिव रहें तो साथ-साथ अपने बच्चों के भी फिटनेस प्रोग्राम का हिस्सा बन सकते हैं। रिसर्च बताती हैं कि फिजिकली एक्टिव पैरेंट्स के बच्चे आउटडोर एक्टिविटीज और वर्कआउट में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं। फिटनेस एप फ्यूचर की कोच केली ब्रायंट ने बताए हैं कुछ कारगर तरीके जिन्हें अपना कर बच्चों को वर्कआउट के लिए मोटिवेट और इंवॉल्व किया जा सकता है।

खुले में करें एक्सरसाइज

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बच्चों को घर में एक्सरसाइज करना बोरिंग लग सकता है। बेहतर होगा कि आप किसी हरे-भरे उद्यान ,नदी किनारे ,खेल के मैदान या घर के आसपास किसी खुले स्थान पर अपना वर्कआउट करें। बच्चों को बाहर की ताजा हवा और खुशनुमा वातावरण आकर्षित करता है। यहां वे दिलचस्पी लेकर एक्सरसाइज करेंगे या दौड़-भाग अथवा कुछ खेल जैसी गतिविधियों में संलग्न होंगे तो अपने आप फिजिकल एक्टिविटी हो जाएगी। आप उनके साथ स्विमिंग भी कर सकती हैं। इससे उन्हें एक स्किल तो सीखने मिलेगी ही, अच्छी-खासी एक्सरसाइज भी हो जाएगी ।

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बच्चों को दें कोई रोल

बच्चों को मजे-मजे में एक्सरसाइज करवाने के लिए उन्हें कोई रोल दे दें। जैसे आप अब एक छोर से दूसरे छोर पर जाएं तो अपने साथ कंपीटिशन करने को कहें कि देखें कौन पहले पहुंचेगा। उसके साथ बैडमिंटन, फुटबॉल या गेंद से खेलें। पार्क में कोई लैडर ,सी सॉ आदि है तो उनके साथ खेलने दें। साथ ही उन्हें जंपिंग ,जंप रोप, लैडर ड्रिल, जंपिंग जैक जैसी एक्टिविटीज में इंवॉल्व करें। उन्हें कंगारू या मेंढक की तरह कूदने, चिड़िया की तरह फुदकने, डक की तरह क्वेक क्वेक करते हुए ब्रिस्क वॉकिंग आदि के लिए कहें। इन चीजों में उन्हें मजा आएगा और वे बोर हुए बिना फिजिकली एक्टिव रहेंगे ।

वर्कआउट में मस्ती भी

अपने वर्कआउट प्लान में थोड़ी सी कल्पनाशक्ति से इसे फनी बनाएं और बच्चों को लुभाने वाले प्रॉप्स का इस्तेमाल करें। बच्चे मजे-मजे में इनका यूज करेंगे और हाथ-पैर चलाएंगे। जैसे पुलअप्स के लिए मंकी बार्स,ट्राइसेप्स डिप्स के लिए बेंच स्टेपअप्स के लिए स्टेअर्स का प्रयोग करें। पार्क में मौजूद झूलों के इस्तेमाल से भी कई तरह की फिजिकल एक्टिविटीज की जा सकती हैं।

डांस पार्टी

बच्चों को म्यूजिक और डांस विशेष रूप से पसंद आता है। डांस अपने आप में एक शानदार फिजिकल एक्टिविटी है, जैसे बेली डांस, हिपहॉप डांस, जुंबा, जैजरसाइज, सालसा ,स्क्वायर डांसिंग , बैले, बालरूम डांस ,कार्डियो डांस आदि कंप्लीट एक्सरसाइज के ही विभिन्न रूप हैं। वेट लॉस और हाथ-पैरों की फ्लैक्सिबिलिटी के लिए बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ एक्सरसाइज का सबसे अच्छा उपाय है डांस एक्सरसाइज। वहीं डांस की एक्टिविटी से बच्चे का पढ़ाई पर फोकस भी बेहतर होता है।

ब्रीदिंग , स्ट्रेचिंग और मेडिटेशन

आपके बच्चों के लिए तन के साथ-साथ मन की फिटनेस भी जरूरी है। बच्चों को कुछ सिंपल स्ट्रेचेज सिखाएं ,योगासन सिखाएं और साथ ही उन्हें मेडिटेशन की भी आदत डालें। किसी अनुभवी योगाचार्य की क्लास में उन्हें दाखिल करें जहां मेडिटेशन, योग और डीप ब्रीदिंग की ट्रेनिंग दी जाती हो। इससे बच्चे का मन भी शांत रहेगा, एकाग्रता और मेमोरी बढ़ेगी।

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