
होली के मौके पर रंग-गुलाल से खेलना परंपरा भी है और उत्सव की जीवंतता भी। लेकिन कैमिकल युक्त सिंथेटिक रंगों व गुलाल के जोखिम के चलते कई लोग होली खेलना नहीं चाहते। ऐसे में क्यों न घर पर ही मौजूद वस्तुओं और फूलों से कुदरती रंग बनाये जायें और जम कर मनायें रंगोत्सव।
रजनी अरोड़ा
इंद्रधनुषी रंगों से सजा होली का त्योहार दस्तक दे रहा है। बच्चे-बड़े सबको इसका इंतजार होगा। लेकिन आपमें से कई लोग ऐसे भी होंगे जो होली नहीं खेलना चाहते होंगे। क्योंकि बाजार में मिलने वाले कैमिकल युक्त सिंथेटिक रंगों से होली खेल तो लेते हैं, लेकिन रंग छुटाने में मेहनत भी खूब करनी पड़ती है। ऊपर से कइयों को तो स्किन रैशेज, एलर्जी, आंखों में जलन जैसी प्रॉब्लम्स से भी दो-चार होना पड़ा होगा। रंगों से लिपे-पुते हाथों से कुछ खाने-पीने से दो-चार दिन पेट खराब होने की शिकायत भी रहती है। जिसे याद कर होली खेलने से आना-कानी करते हैं। क्यों न इस होली पर आप कुछ नया करें यानी होली के नेचुरल कलर खुद बनाएं। वो भी ऐसे जिनसे खेलने पर न तो कोई परेशानी हो और न परिवार-दोस्तों के साथ मस्ती करने में कोई कमी आये। बस जरूरत होगी थोड़ी सी मेहनत करने की। आप आसानी से घर में मौजूद चीजों या बागीचे में लगे रंग-बिरंगे फूलों से होली के रंग बना सकते हैं :-
गुलाब, चंदन और बेसन से लाल
अगर आपके बागीचे में लाल गुलाब हों, तो उनकी पंखुड़ियों को अखबार पर फैलाकर छाया में 3-4 दिन के लिए सुखा लें। सूखने पर मिक्सी में पाउडर बना लें। इस पाउडर में थोड़ा-सा चंदन पाउडर और बेसन मिलाएं। चटक और खुशबूदार लाल गुलाल तैयार हो जाएगा। इसी तरह हिबिस्कस फूल की पत्तियों को छाया में सुखा कर और पीस कर लाल गुलाल बना सकते हो। ऐसे ही दो चम्मच रेड सेंडलवुड पाउडर एक लीटर पानी में डालकर उबाल लें। ठंडा कर छान लें। तैयार रंग से कम से कम दो बाल्टी लाल रंग बना सकते हैं। चाहें तो आप सिंदूर और मंदिर में टीका लगाने के काम आाने वाली रोली से भी आसानी से रंग बना सकते हैं। बस इन्हें सीधे पानी में घोला और बन गया बढ़िया लाल रंग।
हल्दी-बेसन से पीला
रसोई में मिलने वाले हल्दी पाउडर और बेसन को बराबर मात्रा में अच्छी तरह मिलाकर पीला रंग तैयार कर सकते हैं। चंदन पाउडर में थोड़ी-सी हल्दी और बेसन मिलाकर बनाएं। इसी तरह पीला गुलाल बनाने के लिए बागीचे में लगे पीले गुलाब भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इनकी पंखुड़ियों को सुखाकर पीस लें। इसमें थोड़ी-सी हल्दी और बेसन मिलाकर बनेगा यह पीला गुलाल। इसी तरह गेंदा फूल से पीला गुलाल बना सकते हैं। या फिर रात को एक लीटर पानी में पीले गेंदे की कम से कम 20 फूलों की पंखुडि़यों को उबालने के बाद छान कर पानी वाला गीला रंग तैयार कर सकते हैं।
पलाश से ओरेंज
घर के आसपास अगर टेसू या पलाश का पेड़ हो तो आजकल उसके फूल जमीन पर अपने आप गिर रहे होंगे। आप इन फूलों से होली का बढ़िया गुलाल और पानी का कलर तैयार कर सकते हैं। इसी तरह केसर से भी पानी वाला कलर बना सकते हैं। एक छोटा चम्मच केसर के धागों को एक लीटर पानी में रात भर भिगो कर रख दो। सुबह तैयार रंग से कम से कम दो बाल्टी रंग तैयार कर सकते हैं।
चुकंदर से गुलाबी
2-3 चुकंदर को छोटा-छोटा काट कर एक गिलास पानी डाल कर मिक्सी में पीस लो। इस पानी से तुम दो बाल्टी गुलाबी रंग बना सकते हैं।
गुलमोहर-पालक से हरा
गुलमोहर के पत्ते, पालक, पुदीने और धनिये के पत्तों को उबाल कर पानी वाला रंग तैयार कर सकते हैं। या फिर इन्हें छाया में सुखा कर और पीस कर हरा गुलाल तैयार कर सकते है। नीम के ताजा पत्तों को पानी में उबाल कर पानी वाला रंग और सुखाकर थोड़ा-सा बेसन मिलाकर हरा रंग तैयार कर सकते हैं।
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