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दीवारों की रंगत बदल दें पीवीसी पैनल

रजनी अरोड़ा आकर्षक और सुव्यवस्थित तरीके से सजे घर की चाहत हर किसी की होती है। जिसके लिए व्हाइट-वॉश या पेंट करवाने या फिर डिजाइनर पेपर या टाइल्स लगवाने पर अच्छा-खासा खर्चा आता है। यूं भी हर साल-दो साल बाद...
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रजनी अरोड़ा

आकर्षक और सुव्यवस्थित तरीके से सजे घर की चाहत हर किसी की होती है। जिसके लिए व्हाइट-वॉश या पेंट करवाने या फिर डिजाइनर पेपर या टाइल्स लगवाने पर अच्छा-खासा खर्चा आता है। यूं भी हर साल-दो साल बाद पेंट करवाना काफी मशक्कत का काम है। ऐसे में, इंटीरियर को आकर्षक बनाने के लिए कई आसान विकल्प चलन में हैं। उनमें से एक है- पीवीसी यानी पॉली विनाइल क्लोराइड वॉल पैनल। पीवीसी पैनल घर के अलावा ऑफिस, अस्पताल, होटल, शापिंग कॉम्पलेक्स आदि के इंटीरियर को आकर्षक बनाने के लिए भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। वहीं फाल्स सीलिंग की सुंदरता बढ़ाने के लिए भी पीवीसी सीलिंग पैनल का उपयोग कर सकते हैं। ये पैनल प्लास्टर, टाइलों व छत पर लगाए जा सकते हैं। वाटर-प्रूफ और जंग-प्रूफ होने के कारण मॉयश्चर से ये खराब नहीं होते और थोड़े रख-रखाव से सालों साल अच्छा लुक देते हैं। वहीं ये एन्वायरमेंट फ्रेंडली और पॉकेट फ्रेंडली हैं। ये पैनल विभिन्न आकारों, रंगों, डिजाइनों और वर्टिकल-हॉरिजोंटल पैटर्न में आते हैं। इनमें वुडन, मार्बल, फ्लोरल, ज्योमैट्रिकल आदि कई तरह के डिजाइन मिल जाते हैं। इनमें प्लेन व लैमेनेटिड के विकल्प होते हैं। जानिये इनके प्रकार-

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पीवीसी शीट्स

ये पैनल 6-8 मिमी मोटे, 10-12 इंच चौड़े और 10-12 फुट लंबे होते हैं। अंदर से खोखले लेकिन मजबूत होते हैं। इन पैनलों को कारीगर कीलों से लगाते हैं। दीवारों के ऊपरी-निचले किनारों पर बीडिंग लगाई जाती है जिसके बीच में पैनल सेट किए जाते हैं जिनके किनारों पर इंटरलाकिंग सिस्टम होता है। दीवार के कोनों और किनारों को कवर करने के लिए कॉर्नर या एज मोल्डिंग पैनल होते हैं।

3-डी पैनल

ये एम्बॉसिंग इफेक्ट (उभार) वाले पीवीसी वॉल पैनल हैं। दीवार पर लाइट सिस्टम ऐसा बनाया जाता है जिससे पैनल में 3-डी इफेक्ट उभर आता है।

लागत या कीमत

पैनल की कीमत घर में दीवारों की स्थिति, पैनल की क्वालिटी व लगाने के पैटर्न पर निर्भर करती है। एम्बोस्ड पैनल की कीमत अधिक होती है। एक पैनल की कीमत करीब 500 रुपये आती है। 10/15 फुट के कमरे में कॉमन पैटर्न में पैनल लगवाने में करीब 25 हजार खर्च आ जाता है। अगर पैनल की फाल्स सीलिंग बनवानी हो, तो डिजाइन और लाइटनिंग के आधार पर कीमत बनती है। पीवीसी पैनल का आकर्षण 10 साल बना रहता है।

ये हैं फायदे

यदि दीवार में नमी है तो आप वॉल पेपर या पेंट का उपयोग तब तक नहीं कर सकते जब तक नमी कम न हो जाए। तो ऐसे क्षेत्रों में पीवीसी दीवार पैनल सर्वोत्तम उपलब्ध विकल्प हैं। वहीं ये सीलन या नमी को एब्जार्ब नहीं करते। दीवारों में आने वाली नमी को लॉक करके रखते हैं जिससे सीलन का इन पर असर नहीं होता। अन्य लाभ यह कि प्लेन और चिकनी सतह के कारण इनमें कीड़ा लगने का डर नहीं रहता। पीवीसी पैनल वज़न में हल्के लेकिन काफी मजबूत होते हैं। वहीं बहुत कम समय में और आसानी से इन्सटाल किया जा सकता है। एक कमरा 4-5 घंटे में तैयार हो जाता है। बजट के अनुकूल तो ये पैनल हैं ही। साफ करना काफी आसान होता है। इन्हें 10-15 दिन में गीले मुलायम कपड़े से पौंछना पर्याप्त है। वहीं इंटरलाकिंग सिस्टम की वजह से हटाना और पुनः स्थापित करना आसान है। एकाध पैनल खराब भी हो जाता है, तो बदला जा सकता है। लेकिन कुछ नुकसान भी हैं जैसे अगर कोई नुकीली चीज टकराती है तो खरोंच या डेंट लग सकते हैं। यदि आप किसी फोटो फ्रेम या लटकाना चाहते हैं, तो पैनल लगाने के बाद दीवार तक गिट्टी लगाना कठिन हो जाता है।

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