यह अच्छी बात है कि हाल के दिनों में पंजाब में कुख्यात गैंगस्टरों के कोहराम की आंच हरियाणा तक पहुंचने की आशंका के बाद खट्टर सरकार चौकन्नी हुई है। सरकार की सजगता के बाद अब राज्य में सक्रिय करीब तीस से अधिक कुख्यात शूटर्स हरियाणा एसटीएफ के राडार पर हैं। दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी व पंजाब से सटे हरियाणा में गैंगस्टरों की सक्रियता चौंकाने वाली है क्योंकि हाल ही में राज्य के कई कुख्यात शूटरों की संलिप्तता बड़े अपराधों में पाई गई है। हालांकि, तमाम बड़े गैंगों के बड़े अपराधी जेलों में हैं, लेकिन उनके गुर्गे अपराधों को अंजाम देने से पीछे नहीं हटते। देश की सुरक्षित जेलों से गैंग चलाने और हमलों को अंजाम देने के मामले प्रकाश में आए हैं। अपराधी अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के इलाकों में छिप जाते हैं। यही वजह है कि हरियाणा पुलिस दिल्ली, पंजाब, राजस्थान व उ.प्र. के पुलिस अधिकारियों के साथ अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिये तालमेल बना रही है। पांच राज्यों की को-ऑर्डिनेशन कमेटी के जरिये गैंगस्टरों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। निस्संदेह जब तक केंद्रीय एजेंसियां, हरियाणा का खुफिया तंत्र विभिन्न राज्यों की पुलिस के साथ तालमेल बनाकर अपनी रणनीति को क्रियान्वित नहीं करता, गैंगस्टर सिरदर्द बने रहेंगे। साथ ही पता लगाया जाये कि इन अपराधियों तक आधुनिक हथियार कैसे पहुंच रहे हैं। पंजाब की अंतर्राष्ट्रीय सीमा में तस्करों द्वारा हथियारों की तस्करी पर केंद्रीय एजेंसियों को नजर रखनी होगी।
बहरहाल, चुनौती की गंभीरता को देखते हुए हरियाणा एसटीएफ ने बड़े गैंगस्टरों व शूटरों पर शिकंजा कसने की जो पहल की है, वह राज्य में बड़े अपराधों की रोकथाम में मददगार होगी। हाल के दिनों में जिस तरह हरियाणा के विधायकों को रंगदारी के लिये धमकियां दी जा रही हैं, उससे इस स्थिति की गंभीरता का पता चलता है। ऐसे में आम नागरिक की सुरक्षा चिंता ज्यादा बढ़ जाती है। एसटीएफ को अंतर्राज्यीय गिरोहों को भी राडार पर लेने की जरूरत है, जो अपराध करने के बाद पड़ोसी राज्यों में घुस जाते हैं। हाल के दिनों में उ.प्र. सरकार की अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते जान बचाने के लिये कई अपराधी हरियाणा में सक्रिय हैं, जिन्हें स्थानीय गैंगों का संरक्षण भी मिलता है। ऐसे में अपराधियों को संदेश जाना चाहिए कि अपराधी चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, वह पुलिस-कानून के शिकंजे से बच नहीं पायेगा। वहीं पंजाब में फैले नशे के कारोबार की दस्तक जैसे हरियाणा व हिमाचल में हुई है, उसे देखते हुए भी हरियाणा को बेहद सतर्क होना होगा। दरअसल, नशे के कारोबारियों व अपराधियों के नेक्सस से गंभीर अपराधों की पुनरावृत्ति होती है जिस पर वक्त रहते काबू पाने की जरूरत है। तभी राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधरेगी और आम आदमी का इस पर विश्वास बढ़ेगा। साथ ही समाज विज्ञानियों को मंथन करना होगा कि क्यों युवा गैंगस्टरों के दलदल में कूद रहे हैं।