आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने हाई प्रोफाइल सुशांत राजपूत मामले में महाराष्ट्र सरकार को झटका देते हुए जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। सुशांत की मौत मामले में पटना में दर्ज प्राथमिकी को मुंबई स्थानांतरित करने के लिये विवादित अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिये। फिल्मी सितारे सुशांत राजपूत की रहस्यमयी मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि मंुबई पुलिस सारे सबूत आगे की जांच के लिये सीबीआई को सौंप दे। अब सीबीआई द्वारा बनायी गई एसआईटी मुंबई पुलिस के नोडल अधिकारी से मिलकर केस से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज मसलन स्टेटमेंट्स, फॉरेंसिक रिपोर्ट, मोबाइल व बैंक एकाउंट्स डिटेल अपने कब्जे में लेगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि बिहार पुलिस को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और जांच करने का अधिकार था। कोर्ट ने टिप्पणी की कि मुंबई पुलिस ने जहां केवल दुर्घटना के नजरिये से जांच की, वहीं बिहार पुलिस ने सभी पहलुओं को लेकर जांच की। साथ ही यह भी कि बिहार सरकार को सीबीआई से जांच करवाने का अधिकार था। दरअसल, महाराष्ट्र पुलिस मामले में सीबीआई जांच का विरोध कर रही थी। उसका तर्क था कि पुलिस अब तक दर्जनों लोगों के बयान दर्ज भी कर चुकी है। साथ ही सरकार की दलील थी कि घटना मुंबई पुलिस के कार्यक्षेत्र में हुई है और पीड़ित, आरोपी व गवाह भी यहीं के हैं। निश्चय ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने सुशांत के चाहने वालों के हक में फैसला दिया है, जिसका उसके परिवार व शुभचिंतकों को इंतजार भी था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मुंबई पुलिस इस मामले में ठीक से जांच नहीं कर रही थी। अंतत: सुप्रीम कोर्ट ने यह सारा प्रकरण पूरी तरह सीबीआई को सौंप दिया है।
कोर्ट ने यहां तक स्पष्ट किया है कि आगे इस मामले में कोई दूसरी एफआईआर दर्ज होती है तो उसे सीबीआई ही देखेगी। अदालत ने कहा कि सुशांत की मौत के पीछे के सभी रहस्यों की पड़ताल करने में सीबीआई सक्षम है। इसलिए राज्य पुलिस उसके किसी मामले में दखल न दे। अदालत ने टिप्पणी भी की कि सुशंात राजपूत एक प्रतिभावान कलाकार थे और उनकी काबिलियत उजागर होने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई। लोग उनकी मौत से जुड़े सच को जानना चाहते हैं। निस्संदेह सक्षम एजेंसी द्वारा जांच से तमाम अफवाहों पर विराम लगेगा। तटस्थ जांच के माध्यम से ही समय रहते सही तथ्य सामने आ सकते हैं। निस्संदेह, महाराष्ट्र सरकार ने मुद्दे की जांच को जिस तरह प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया और मुंबई पुलिस ने जिस तरह से मामले में जांच से बिहार पुलिस को रोका, उसने कई तरह की शंकाओं को जन्म दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार को भी आत्ममंथन करना चाहिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार की किरकिरी के बाद मुंबई भाजपा तो हमलावर हुई ही है, कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी नसीहत दी है कि मुंबई पुलिस नाहक इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाये और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आनी स्वाभाविक है। यहां तक कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री के इस्तीफे तक की मांग की जा रही है। कहा जा रहा है कि मुंबई पुलिस राजनीतिक दबाव में सही तरीके से काम नहीं कर पायी। वहीं राज्य सरकार इस प्रकरण में सीबीआई की जांच को बिहार में आने वाले विधानसभा चुनाव से जुड़ा बताती है। दरअसल, 14 जून को अभिनेता सुशांत राजपूत की मुंबई के बांद्रा स्थित घर में मौत होने के बाद उनकी मित्र रिया चक्रवर्ती पर सुशांत के परिजनों ने आत्महत्या के लिये उकसाने के आरोप लगाये थे। इसके बाद मायानगरी में बाहरी कलाकारों के संघर्ष और नेपोटिज्म को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई थी। कहा गया कि बाहरी होने के कारण सुशांत निशाने पर थे।