आजादी के बाद से लेकर ’80 के दशक तक जो फैशन में जो लुक रहा है उसके फिर से लौट आने की प्रवृत्ति रही है। इसमें खास बोल्ड रंग, विंटेज पैटर्न है। मसलन बेल बॉटम की चाल, पुरानी हीरोइनों की तंग साड़ी, अनारकली व बॉबी लुक आज भी महिलाएं पसंद करती हैं।
हर दौर फैशन की पूरी दुनिया बदल देता है। जो अक्सर फिल्मों व हीरो- हीरोइनों के परिधानों से प्रभावित रहा। फैशन की खूबसूरती यही है कि यह कभी सच में बीतता नहीं, बस कुछ अरसे बाद अलमारी से निकलकर नई शक्लों में फिर लौट आता है। बिंदी की मासूमियत, काजल की गहराई,फूलों की खुशबू,बेल बॉटम की चाल, पुरानी हीरोइनों की तंग साड़ी, अनारकली व बॉबी लुक में से कई आज भी पसंद किये जा रहे हैं।
फ्लोरल रेशमी जॉर्जट साड़ी
प्रिंटेड व फ्लोरल रेशमी साड़ी जॉर्जट की साड़ी खास है। पुरानी फिल्मों में मुमताज़ की प्रसिद्ध साड़ी आज भी पसंद की जाती है। उस दौर में फैशन में रही नारंगी साड़ी सामान्य साड़ियों से कम लंबी थी और इसे घुमावदार तरीके से कसकर लपेटा जाता था। इससे शरीर का आकार उभरता था और साड़ी कभी ढीली नहीं पड़ती थी।इस शैली की सहजता आज भी महिलाओं को आकर्षित करती है, और यही रेट्रो फैशन की खास पहचान बन गई है। आज भी महिलाएं इस तरीके से रेट्रो स्टाइल आजमा रही हैं।
अनारकली परिधान
मुग़ल–ए–आज़म फिल्म के बाद प्रचलन में आयी अनारकली आज भी फैशन में है। महीन कढ़ाई, चौड़ा घेरा और परतदार कपड़े—इन सबने इस परिधान को एक अद्भुत शाही रूप दिया। अनारकली जिस तरह लहराती थी, वह मौजूदा दौर की महिलाओं के मन में बसी है। विवाह समारोहों में अनारकली की मांग बढ़ना इस बात का प्रमाण है कि पुराना फॉर्म आज भी युवतियों की पहली पसंद है। अनारकली हर शरीर पर सुंदर लगती है और पहनने वाले को गरिमा देती है। आज भी शादी समारोह व अन्य पार्टी में पहनने के लिय इसको प्राथमिकता दी जाती है।
हेयरस्टाइल
बीते दौर में हेयरस्टाइल- लंबी चोटी, हल्की लटें और फूलों वाला जूड़ा बनाया जाता था। जूड़े को फूलों से सजाया जाता था और अब भी इसे अपनाया जाता है। पुराने समय में बालों की सजावट प्राकृतिक होती थी। लंबे बाल, सरल चोटी, आगे छोड़ी गई हल्की लटें और गजरे की सुगंध—ये सब किसी चेहरे को बिना प्रयास के सुंदर बना देते थे। गजरे वाला जूड़ा और हल्का पफ फ़िल्मी अभिनेत्रियों की पहचान था। आज फिर से वही शैली लौट रही है। विवाह में दुल्हनें गजरा, हल्का पफ और लहराती लटें अपनाने लगी हैं, जिससे चेहरे पर स्वाभाविक कोमलता झलकती है। यह रेट्रो हेयरस्टाइल आधुनिक पहनावे में भी बहुत सुंदर लगता है।
बिंदी, काजल और आई मेकअप
पुराने दौर में बिंदी भौंहों के ऊपर माथे के बीच में लगाया जाती थी। जिससे माथा और ज्यादा भरा नजर आता था। विंग्ड आईलाइनर आंखों की खूबसूरती को ओर निखर देता था जिसे लोग आज भी पसंद करते हैं।
सलवार–सूट, स्कर्ट और बेल बॉटम
सरल कटिंग वाले ब्लाउज़ रेट्रो फ़ैशन की मजबूत पहचान हैं। ये 70 के दशक में फैशन में थे। नाव जैसी गर्दन, कोहनी तक की बांहें और पीछे बंधी डोरी साड़ी को शालीनता देती थी। वही सादगी आज फिर से लोकप्रिय हो रही है। आज भी आप बेल बॉटम पैंट्स की फ्लोरल लूस टॉप के साथ वियर कर सकती हैं। लहराता घेरा, लंबी कुर्ती और हल्की कढ़ाई—ये सब कभी फैशन में थे व आजकल भी पसंद किये जा रहे हैं। एक दौर में स्कर्ट का चलन भी बढ़ा। घुटनों से नीचे आती हल्की स्कर्ट और सादी कमीज़ लड़कियों की पहली पसंद बनती थी। एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया के बॉबी लुक” यानी स्कर्ट, ऊनी टोपी और स्वाभाविक मुस्कान अब फिर फैशन में है।
सिंदूर व चूड़ियां
एक दौर में ड्रेस के साथ की चूड़ियां और माथे पर सिंदूर पुराने दौर में सिंदूर लंबी, सीधी और गहरी रेखा में माथे पर खींचा जाता था, जो पूरे लुक को शाही और पारंपरिक रूप देता था। आज वही सिंदूर हल्की, पतली और छोटी रेखा के रूप में अपनाया जा रहा है, ताकि चेहरा स्वाभाविक और सादगीपूर्ण दिखे।
हालांकि माथे तक जाती रेखा अब कम दिखती है, उसकी जगह मांग के बीच बस हल्का स्पर्श लोकप्रिय है। दरअसल, चूड़ियां गेटअप को पूरा करती है।
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