मोटापे पर काबू पाने के उपायों में निस्संदेह खानपान और व्यायाम की अहम भूमिका है लेकिन कुछ और पहलू भी वेट लॉस के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण हैं। इनमें कॉमन कोल्ड से बचाव, तनाव से दूर रहना व धीरे-धीरे खाना शामिल हैं। वहीं ग्रीन टी व पर्याप्त नींद लेना भी फायदेमंद है।
मोटापा और ज्यादा वजन इन दिनों हर किसी की समस्या है। फिटनेस योजना जोश-जोश में शुरू तो करते हैं पर थोड़े ही दिनों में फिर आलस्य के शिकार हो जाते हैं। खानपान पर भी हमारा नियंत्रण खुद को भ्रम में रखने जैसा ही है। वैसे ये दोनों ही चीजें तो वेट कंट्रोल के लिए जरूरी हैं ही, लेकिन साथ में कुछ और बातों पर भी ध्यान दें तो वांछित परिणाम जल्दी मिलेंगे।
डायरी लिखें
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आप वाकई वजन घटाने के मामले में गंभीर हैं तो रोज एक नोटबुक या डायरी में दिन भर की फिजिकल एक्टिविटीज और क्या-क्या खाया इन्हें नोट करें। इससे जब भी आप कोई गलत काम करेंगे, खुद ही समझ जाएंगे। अगले दिन आप उस गलती को दोहराने से बचेंगे।
कॉमन कोल्ड से रहें दूर
यूएस के पेनिंगटन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के अनुसंधानकर्ता प्रोफेसर निखिल धुरंधर की मानें तो सर्दी जुकाम से या श्वसन रोग से पीड़ित रहने वाले व्यक्तियों में मोटापा बढ़ने के चांस ज्यादा होते हैं। क्योंकि कॉमन कोल्ड का कम से कम एक वायरस ओबेसिटी से सीधा जुड़ा हुआ है। एडीनोवायरस-36 नामक यह वायरस बॉडी में फैट सेल्स के साथ-साथ इन सेल्स में फैट की मात्रा भी बढ़ाता है। संभव हो, तो इंफेक्शन से बचने के लिए वैक्सीनेशन का सहारा लें या फिर सर्दी-जुकाम से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
खुश रहने की कोशिश करें
यूनिवर्सिटी औफ कैलिफोर्निया के ताजा अध्ययन में पता चला है कि स्ट्रेस पेट की चर्बी को बढ़ाता है। स्ट्रेस के कारण बॉडी में कोर्टिसोल हार्मोन रिलीज होता है, जिससे बार-बार भूख लगती है। इसे इमोशनल ईटिंग या स्ट्रेस ईटिंग कहते हैं। इससे मेटाबोलिज्म की दर कम होती है और पेट की चर्बी इकट्ठी होने लगती है। जब स्ट्रेस का दबाव महसूस करें तब म्यूजिक, फिल्म, गेम, वाकिंग, योगा या किताब पढ़ने में खुद को बिजी कर लें।
ग्रीन टी
ग्रीन टी को कमर का घेरा घटाने में विशेष सहायक माना गया है। यूके की एंजलीना रस्किन यूनिवर्सिटी के ताजा शोध में सामने आया कि जो लोग ग्रीन टी पीते हैं और नियमित एक्सरसाइज भी करते हैं उनमें अतिरिक्त चर्बी तेजी से घटती है। जो लोग दिन में तीन बार ग्रीन टी पीते हैं उनमें मोटाबोटिक दर 4 फीसदी बढ़ जाती है। यानी हर रोज 60 कैलोरी अतिरिक्त बर्न होती है।
समुचित मात्रा में पानी पीएं
समुचित मात्रा में पानी पीने से स्किन, हड्डियां और दांतों को तो फायदा होता ही है इससे मसल्स की ग्रोथ और डाइजेशन में भी काफी लाभ मिलता है। इससे हारमोनल बैलेंस भी मेंटेन होता है और फैट बर्न करने में भी मदद मिलती है। वहीं एक अध्ययन के मुताबिक आप ज्यादा पानी पीते हैं तो शरीर में वसा का संचय़ कम होता है।
30-70 फार्मूला
वेट कंट्रोल के लिए आपको वर्कआउट और डाइट के बीच सही संतुलन बनाना होगा यानी 30-70 फार्मूला अपनाना होगा। हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि फिट बॉडी के लिए 30 फीसदी एक्सरसाइज और 70 फीसदी सही फूड हैबिट्स जरूरी हैं।
कैंडल लाइट डिनर
वेट लॉस की आसान ट्रिक आजमाना चाहते हैं तो अपने पार्टनर के साथ कैंडल लाइट डिनर लिजिए। कोर्नेल यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक इसके कई फायदे हैं- कम भोजन से संतुष्टि होती है, जो खाया वह अच्छा लगता है और मूड भी अच्छा हो जाता है।
पर्याप्त नींद
शिकागो यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ता कहते हैं कि नींद कम लेने से शरीर में हार्मोन संतुलन लड़खड़ा जाता है। इससे लेप्टिन का स्तर गिरता है (जो पेट भरा होने का अहसास करवाता है) और घ्रेलिन (जो भूख का अहसास करवाता है) का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में आप भूखे न भी हों, तो भी कुछ खा लेते हैं। भरपूर नींद आपको भूख का अहसास नहीं होने देती और इससे खुद ही कुछ वजन कम हो जाता है।
रात को लाइट बंद रखें
ओहियोस्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रैंडी नेलसन और उनकी टीम ने एक अध्ययन में पाया कि जिन चूहों को रात भर रोशनी में रखा गया उनमें आठ हफ्ते बाद दूसरे चूहों की तुलना में 50 फीसदी वजन ज्यादा पाया गया। दूसरे समूह के चूहों को या तो मंद रोशनी में या अंधेरे में रखा गया था। इसलिए व्यक्ति के लिए रात को बेहद मंद रोशनी या अंधेरे में सोना अच्छा रहता है।
वॉक के तरीके में बदलाव
लगातार एक ही तरह से वॉकिंग का शरीर अभ्यस्त हो जाता है और पहले जितनी ऊर्जा का इस्तेमाल नहीं करता है। नतीजतन इससे कैलोरी की कम खपत होती है और वांछित फायदा नहीं मिल पाता। अगर आप अपने मोटाबोलिज्म को एक्टिव करके ज्यादा कैलोरी जलाना चाहते हैं तो अलग तरह से वर्कआउट और वॉकिंग आजमाएं। चढ़ाई चढ़ने, सीढ़िया चढ़ने, ट्रेनिंग में डंबेल का साइज या वजन बढ़ाने की कोशिश करें।

