Delhi Air Pollution: राजधानी में हवा 'बेहद खराब' व 'गंभीर', कई जगह AQI 400 के पार
Delhi Air Pollution: हवा की धीमी गति के कारण प्रदूषकों का फैलाव कम होने के बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘बेहद खराब' रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यह जानकारी दी।
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 386 रहा, जो शनिवार के एक्यूआई 303 से काफी अधिक है। दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (एक्यूईडब्ल्यूएस) के अनुसार, शनिवार शाम और रात के दौरान उत्तर-पश्चिम दिशा से हवा की गति आठ किलोमीटर प्रति घंटे से कम हो गई, जिससे प्रदूषकों का फैलाव कम हो गया।
इसके अनुसार, 6,000 वर्ग मीटर/सेकंड से कम ‘वेंटिलेशन इंडेक्स' (वायु संचार सूचकांक) और 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम हवा की औसत गति को प्रदूषकों के फैलाव के लिए प्रतिकूल माना जाता है। एक्यूईडब्ल्यूएस के अनुसार, वायु गुणवत्ता के चार नवंबर तक 'बेहद खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है।
दिल्ली में 17 निगरानी केंद्रों ने 400 से ऊपर के एएक्यूआई के साथ ‘‘गंभीर श्रेणी'' की वायु गुणवत्ता दर्ज की। वजीरपुर में सबसे अधिक 439 एक्यूआई दर्ज किया गया। सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार, 20 अन्य केंद्रों ने 300 से ऊपर के एक्यूआई के साथ ‘बेहद खराब' वायु गुणवत्ता दर्ज की।
एक्यूआई को शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत तापमान से 1.5 डिग्री अधिक है। सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता 79 प्रतिशत दर्ज की गई।
आईएमडी ने दिन में आसमान साफ रहने और रात में हल्का कोहरा छाए रहने का अनुमान जताया है। अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
कांग्रेस ने ‘क्लाउड सीडिंग' को लेकर दिल्ली सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए ‘क्लाउड सीडिंग' (कृत्रिम बारिश के) प्रयोग को लेकर रविवार को दिल्ली सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि सीमित क्षेत्र में एक-दो दिन के लिए हुए थोड़े सुधार को “भद्दा मजाक” कहना उचित होगा। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से ‘क्लाउड सीडिंग' प्रयोग पर 34 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
उन्होंने बताया कि पांच दिसंबर 2024 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तीन विशिष्ट एजेंसियां वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सर्दी में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कृत्रिम बारिश के प्रयोग की स्पष्ट रूप से सलाह नहीं दी।
रमेश ने कहा कि इसके बाद 31 अक्टूबर 2025 को आईआईटी, दिल्ली के ‘सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक साइंसेज' ने इस विषय पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की, जिसमें स्पष्ट किया गया कि सर्दी में कृत्रिम बारिश से दिल्ली की बेहद खराब वायु गुणवत्ता में किसी भी महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा, “सर्दी में ‘क्लाउड सीडिंग' निश्चित रूप से नाटकीय लगती है और यह दिखाती है कि सरकार कुछ कर रही है, लेकिन वैज्ञानिक समुदाय इसकी प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल उठाता है। ऐसे में क्या केवल सुर्खियां बटोरने के लिए इस पर इतना भरोसा करना बुद्धिमानी है?”
रमेश ने कहा, “सीमित क्षेत्र में एक-दो दिन के लिए ‘थोड़ा सुधार' होना, जैसा अब दावा किया जा रहा है, वास्तव में एक भद्दा मजाक है।” उन्होंने राज्यसभा में दिए गए पर्यावरण मंत्री के उत्तर और आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट भी ‘एक्स' पर साझा की।
