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Haryana Meeting : अधिकारियों को एमटीपी और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश, 393 आंगनवाड़ी वर्करों को जारी होंगे कारण बताओ नोटिस

लिंगानुपात सुधार के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स की साप्ताहिक बैठक
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 17 जून।

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Haryana Meeting : हरियाणा में लिंगानुपात सुधारने के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स की साप्ताहिक बैठक मंगलवार को चंडीगढ़ में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में हुई। टॉस्क फोर्स का गठन स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के निर्देशों पर हुआ। बैठक में सुधीर राजपाल ने अधिकारियों को राज्य के सभी एमटीपी (गर्भावस्था का चिकित्सा समापन) और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए ताकि कोई भी अवैध लिंग परीक्षण और गर्भपात न हो सके।

उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग को उन 393 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (सहेली के रूप में नियुक्त) के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए। इनके क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं (जिनकी पहले से बेटियां हैं) ने अवैध गर्भपात करवाया है। बैठक में उन्होंने अवैध लिंग जांच एवं गर्भपात के मामलों की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों का सौ फीसदी पंजीकरण होना चाहिए। उन्होंने मेवात, गुरुग्राम, पलवल तथा फरीदाबाद जिला में जन्म लेते ही उन बच्चों का तुरंत पंजीकरण करने पर बल दिया और इस कार्य में एनजीओ (स्वयं सहायता संगठनों) की मदद लेने की भी सलाह दी।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किन्नर समाज से भी मीटिंग करें और उनको समझाएं कि गर्भ में पल रही कन्या का गर्भपात करवाना सामजिक संतुलन को नुकसान पहुंचाता है। किन्नर समाज के लोग जब लड़का होने पर बधाई मांगने जाते हैं तो वे पूछताछ करें कि यह बच्चा क्या दो या तीन लड़कियों के बाद पैदा हुआ है, अगर ऐसी सूचना मिलती है तो उसके बारे में स्वास्थ्य विभाग की जानकारी में लाएं। सुधीर राजपाल ने निर्देश दिए कि सभी डिप्टी सीएमओ अपने-अपने क्षेत्र के स्लम एरिया (जहां नवजात बच्चों का कम पंजीकरण होता है) में कैंप लगाकर पंजीकरण करना सुनिश्चित करें।

उन्होंने अवैध लिंग जांच एवं गर्भपात की शिकायतों के मामले में अंतरजिला टीमों का गठन करके निरीक्षण करने की बात कही। उन्होंने लड़कियों के बढ़ते लिंगानुपात पर संतोष जाहिर करते हुए भविष्य में एमटीपी तथा आईवीएफ केंद्रों पर नजर रखने के निर्देश दिए ताकि इस अनुपात को बराबर किया जाए। बैठक में उपस्थित महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे लोगों को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के प्रति जागरूक करें और इस संबंध में डॉक्यूमेंट्री आदि बनाकर परम्परागत मीडिया के अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक से अधिक प्रसारित करें।

उन्होंने इस अभियान से पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, आशा वर्कर्स के अलावा विभिन्न एनजीओज को जोड़ने की सलाह दी है। उन्होंने विभाग की उन 393 आंगनवाड़ी वर्करों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए जिनके क्षेत्र में ऐसी महिलाओं ने गर्भपात करवा लिया, जिनके घर में पहले से ही दो से अधिक लड़कियां थी। ये वर्कर्स उन गर्भवती महिलाओं के साथ विशेष तौर पर सहेली के रूप में नियुक्त थी।

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