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फिर भी समझ नहीं

ब्लॉग चर्चा

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गगन शर्मा

कहावत है कि यथा राजा तथा प्रजा। पर समय बदल गया है और इसके साथ-साथ हर चीज़ में बदलाव आ गया है। कहावतें भी उलट गई हैं। अब यथा प्रजा तथा राजा हो गया है। जिस तरह से दिनों-दिन प्रजा में असहिष्णुता, असंयमितता, अमर्यादितता तथा विवेक-हीनता बढ़ रही है, उसी तरह से वैसे ही गुण लिए जनता से उठकर सत्ता पर काबिज होने वाले नेता यानी आधुनिक राजा हो गए हैं। वर्षों से गुणीजन सीख देते आए हैं कि जुबान पर काबू रखना चाहिए। पर अब समय बदल गया है। जुबान की मिठास धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। यह सोचने की बात है कि इस तरह की अनर्गल टिप्पणियों की निंदा या भर्त्सना होने के बावजूद लोग क्यों जोखिम मोल लेते हैं।

समझ में तो यही आता है कि यह सब सोची-समझी राजनीति के तहत ही खेला गया खेल होता है। इस खेल में न कोई किसी का स्थायी दोस्त होता है न ही दुश्मन। सिर्फ और सिर्फ अपने भले के लिए यह खेल खेला जाता है।

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नि:संदेह, ऐसे लोगों में गहराई नहीं होती, उन्हें अपने काम की पूरी समझ नहीं होती, इन्हीं कमजोरियों को छुपाने के लिए ये अमर्यादित व्यवहार करते हैं। इसका साक्ष्य तो सारा देश और जनता समय-समय पर देखती ही रही है। कभी-कभी नक्कारखाने से तूती की आवाज उठती भी है कि क्या सियासतदारों की कोई मर्यादा नहीं होनी चाहिए? क्या देश की बागडोर संभालने वालों की लियाकत का कोई मापदंड नहीं होना चाहिए?

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जबकि किसी पद पर नियुक्ति के पहले, वर्षों का अनुभव होने के बावजूद, संस्थाएं नए कर्मचारी को कुछ दिनों का प्रशिक्षण देती हैं, नयी नियुक्ति के पहले नौकरी पाने वाले को प्रशिक्षण-काल पूरा करना होता है। शिक्षक चाहे जब से पढ़ा रहा हो उसे भी एक खास कोर्स करने के बाद ही पूर्ण माना जाता है। अपवाद को छोड़ दें तो किसी भी संस्था में ज्यादातर लोग निचले स्तर से शुरू कर ही उसके उच्चतम पद पर पहुंचते हैं। तो फिर राजनीति में ही क्यों अधकचरे, अप्रशिक्षित, अनुभवहीन लोगों को थाली में परोस कर मौके दे दिए जाते हैं।

इतिहास बार-बार समझाता, चेताता आया है कि दुर्वचन आम इंसान को कभी भी रास नहीं आते, चाहे वे किसी के भी मुखारविंद से निकले हों। कोफ्त होती है उसे ऐसे वचनों से। एक अलगाव-सा महसूसने लगता है वह उस व्यक्ति या संस्था विशेष से। चाहे कितना भी बड़ा व्यक्तित्व हो, उसकी छवि धूमिल ही होती है ऐसे अपलाप से। अग्निमुख यह बात क्यों नहीं समझ पाते?

साभार : कुछ अलगसा डॉट ब्लॉगस्पॉट डॉट कॉम

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