शमीम शर्मा
कहते हैं कि शब्द चुभते हैं पर खामोशियां मार देती हैं। पर आंखें तो खामोश रहकर भी सौ बातें कह देती हैं। यहां तक तो बात ठीक है कि आंखें बोलती हैं पर गौर से देखा जाये तो भौहें भी कम नहीं बोलतीं। अभिव्यक्ति में भौहों ने आंखों को परास्त कर दिया है। हंसी, उदासी, हैरानी, दुख, इन्तज़ार, क्रोध, रोमांच, रुदन आदि को भौहों की स्थिति ही स्पष्ट करती है। हाथ की लकीरों की तरह सबकी भौहों का आकार भी अलग-अलग है। देखते-देखते इमोजी की तस्वीरें पूरी दुनिया में छा गई हैं। भौहों की स्थिति ही इमोजी के विविध रूपों की रचना करती है।
नयन निःशब्द हो सकते हैं पर भौहें नहीं। पलकों को आंखों का चौकीदार कहा जाता है तो भौहों को आंखों का सहकर्मी कहा जा सकता है। दोनों के कामों का महकमा एक ही है। यानी कि अभिव्यक्ति, फिर भी आज तक किसी ने यह नहीं गुनगुनाया कि ‘हम को तो जान से प्यारी हैं तुम्हारी भौहें।’ आंखों की तो सात भांत की बीमारियां हैं पर भौंहं अन्त तक स्वस्थ ही रहती हैं। हां काली से सफेद जरूर हो जाती हैं।
भौहें ही आंखों के इशारों को आड़ा-तिरछा होकर व्यक्त करती हैं। आंखों की खूबसूरती और बयानबाजी पर तो साहित्य भरा पड़ा है किन्तु भौहों पर कलम कम ही चली है। यूं तो भौहें निर्जीव-सा अंग अर्थात् बिना कुछ काम का परन्तु बिना भौहों के व्यक्ति का चेहरा कितना भुतहा लगता है। कुदरत ने भी मनुष्य की कमाल की रचना की है। न केवल अंग गढ़े हैं बल्कि उनके सौंदर्य और आकर्षण का भी पूरा ख्याल रखा है। जैसे होंठों का रंग पूरे शरीर के रंग से अलग है। होंठों का यह लाल रंग सज्जा नहीं तो और क्या है। यह सब देखकर किसे नहीं लगेगा कि किसी चतुर चितेरे ने सृष्टि का सृजन किया है और वह भी इंद्रधनुषी रंगों से।
आज के दिन किसानों की तनी हुई भृकुटियां सरकार की आंखों की किरकरी बनी हुई हैं। जरूरत है कि उनकी आंखों में आंखें डाल कर वार्ता की जाये।
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एक बर की बात है अक पड़ोसण नै दरवज्जा खुड़काया तो नत्थू के खोलते ही वा भौं मटकाती सी बोल्ली—जी फेर आऊंगी। आधे घण्टे पाच्छै फेर आई अर दरवज्जा खुलते ही बोल्ली—फेर आ ज्यूंगी। तीसरी बर आई अर दरवज्जा खुलते ही हटकै बोल्ली—मैं काल आ ज्यूंगी। ईब नत्थू तै रह्या नीं गया अर बोल्या—यो फेर आ ज्यूंगी का के चक्कर है? रामप्यारी बोल्ली—जद भी मैं आई, थारे हाथ मैं चम्मच देखकै मन्नैं लाग्गै अक रोटी खा रे हो। नत्थू बोल्या— बावलीबूच! या चम्मच तो हम सांकल मैं लगाया करें।