लगता है बीमारियां भी इनसानों की तरह ईर्ष्या पीड़ित होती हैं। समस्या यही है उनकी कि ईर्ष्या की झौंक आखिर में इनसानों को ही झेलनी पड़ती है। यूपी में बुखार की झौंक आखिर झेल ही रहे हैं न बच्चे। वहां बुखार ने ऐसा रौद्र रूप धरा है कि लोग कोरोना की भीषणता को भूल गए। उसकी संभावित तीसरी लहर को भूल गए। भैया वह तो जब आएगी तब आएगी, अभी तो यह बुखार मार रहा है। अब दुनिया वालों ने कोरोना की इतनी आवभगत की, उसके बीमारों के लिए ऐसे विशेष इंतजाम किए, अस्थायी अस्पताल बनाए, मास्क और सैनिटाइजर का धंधा चमकाया, वैक्सीन बनाने के लिए वैज्ञानिक लगाए, दिन-रात प्रयोगशालाएं चलायी, जिससे दूसरी बीमारियों का नाराज होना स्वाभाविक था।
उपेक्षा तो सभी को खलती है न, बीमारियों को भी खली होगी। आखिर कुछ तो खानदानी थी-डेंगू था, मलेरिया था, तरह-तरह का बुखार था, फ्लू था। कुछ बीमारियां थोड़ी कुलीन किस्म की थीं-हृदय रोग था, ब्लड प्रेशर था, डायबिटीज थी। इनमें कुछ को तो लोगों ने बड़े नाज नखरों से पाला था। वे थी भी बड़ी नाजुक किस्म की। लेकिन इस कल की बीमारी ने पुरानी बीमारियों को इतना उपेक्षित किया जैसे कोई नवधनिक पुराने खानदानी रईसों की उपेक्षा करता है।
लोग भी कहने लगे कि यार दूसरी बीमारियों को कोई पूछ ही नहीं रहा। यह सुनकर बताओ दूसरी बीमारियों के दिल पर क्या गुजरती होगी। अस्पताल वाले भी दूसरी बीमारियों वाले मरीजों को ऐसे लौटा रहे थे, जैसे वे बिन बुलाए मेहमान हों। यह उपेक्षा बीमारों की नहीं थी, बीमारियों की थी। चलो थोड़ी बहुत उपेक्षा तो दुनियादारी जानने-समझने वाला हर कोई सह लेता है। बीमारियां भी सह लेती थी। जैसे डेंगू का सीजन आता था तो दूसरी बीमारियां अपनी उपेक्षा से नाराज नहीं होती थी। इसी तरह मलेरिया का मौसम आता था, वे भी अपनी उपेक्षा सह जाती थी।
बर्ड फ्लू जैसी नयी नवेली बीमारियों से भी उन्हें इतनी ईर्ष्या नहीं होती थी। लेकिन इस कोरोना ने तो हद कर दी थी साहब। हृदय रोग, डायबिटीज और ऐसे ही अन्य बीमारियों से पीड़ित लोग इंतजार करते रहे कि कब कोरोना जाए और कब हमारी बारी आए। न किसी को ग्लूकोज चढ़ रहा था, न किसी का आॅपरेशन हो रहा था। ऐसे में यह सब बीमारियां जैसे मौके के इंतजार में ही बैठी थीं। और जब कोरोना थोड़ा धीमा पड़ा तो उन्हें लगा कि यही मौका है क्योंकि उसके पूरी तरह जाने का तो इंतजार कर नहीं सकते।
बुखार ने सभी बिरादर बीमारियों से कहा कि क्योंकि मैं सबसे आदिम बीमारी हूं, इसलिए पहला मौका मुझे ही मिलना चाहिए। उसे मौका मिला और उसने यूपी में कोहराम मचाया।