शमीम शर्मा
मंदिर के एक हॉल में पांच-सात सौ दर्पण लगे हुये थे। एक छोटी सी बच्ची ने एक दर्पण के सामने दोनों हाथों से ताली बजाई तो सैकड़ों दर्पणों में ताली बजाते हाथ उठे। लड़की के मुंह से निकला- अरे वाह! कितनी खूबसूरत दुनिया है जो मेरे साथ हंसती-खेलती है। थोड़ी देर बाद वहां एक गुस्सैल आदमी आया और जैसे ही उसने गुस्से भरी निगाहों से दर्पण में देखा तो उसे लगा कि सैकड़ों प्रचंड क्रोधी उसे घूर रहे हैं। तभी उसने गुस्से में हाथ उठाया तो दर्पण के सैकड़ों लोगों के हाथ भी उठ गये। उसके मुंह से निकला कि यह दुनिया तो रहने लायक नहीं है। सार यही है कि दुनिया स्वर्ग है या नरक यह हम पर ही निर्भर करता है।
अधिकांश लोग अपने हाथों दुनिया को नरक बनाने में जुटे हैं। कुछ महिलायें भी होती हैं जो अपने स्वभाव और कारनामों से घरों को नरक बना देती हैं। उनमें भी आदमी की भूमिका बराबर की होती है। विस्तृत फलक पर देखें तो आदमी समूचे संसार को ही नारकीय स्थिति में ले जा रहा है। लाखों में इक्का-दुक्का स्त्रियों को छोड़ दिया जाये तो कभी कोई औरत हमें खून-खराबा करती नहीं दिखाई देगी। बम अथवा मिसाइल बनाना उसकी परिकल्पना का कभी हिस्सा नहीं हो सकता, परमाणु बम तो छोड़ो। सच्चाई यह है कि दिवाली अथवा अन्य किसी त्योहार पर स्त्रियां पटाखे भी कम ही फोड़ती मिलेंगी। बस उनके हाथ में फुलझड़ी मिल सकती है।
सड़कों पर हो रहे मर्डर हों या किसी देश की सीमाओं पर छिड़े प्रचंड युद्ध, उनमें आदमी ही लहू का प्यासा हो रहा है। क्या आदमी मौत का सौदागर बन गया है?
आदमी की ललकार का पहला वाक्य होगा-तू हाथ लगाकर दिखा। और लड़ाई के बाद कहेंगे कि तूने हाथ लगाया कैसे? पति ने अपनी पत्नी को आश्वस्त करते हुए कहा कि मैं तुम्हें लड़ाई का कोई मौका ही नहीं दूंगा। पत्नी तपाक से बोली कि मैं तुम्हारे मौके की मोहताज नहीं हूं। एक बार एक डॉक्टर ने महिला से पूछा कि तुम्हें दवाई दस बजे लेने को कहा है तो तुम पांच बजे क्यों लेती हो। उसका जवाब था कि दुश्मन पर तब वार करो जब वह तैयार न हो।
एक मनचले का कहना है कि घर वाले उसे इस तरह उठायेंगे मानो तीसरा विश्व युद्ध प्रारम्भ हो गया है और तीर मारने के लिये वो ही आखिरी सैनिक बचा है।
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एक बर की बात है अक एक अन्धा आदमी मिलटरी मैं भरती होण चल्या ग्या। उस ताहीं देखकै मेजर सुरजा बोल्या-हां रै, लड़ाई के टैम तैं के धन-धन करैगा। नत्थू बोल्या -जी मेरे करिश्मे देख कै तो थम भी थर-थर कांपोगे जद मैं दुश्मनां पै अन्धाधुंध फायरिंग करूंगा।