शमीम शर्मा
अनेकानेक बार आदमी ने औरतों की मूर्तियां बनाई तो बहुत उत्तेजक, रंगों से तस्वीर बनाई तो अत्यन्त मादक, साहित्य में नारी चित्रण किया तो अश्लीलतापूर्ण वर्णन करते हुये मर्यादा खंडित की। फिल्मों और विज्ञापनों में तो उसे अल्प वस्त्रों में दिखाकर आदमी ने अपना काम साधा। और इस सारे प्रसंग पर हम सब आदमी को धिक्कारते रहे कि कला के नाम पर स्त्री की आबरू की धज्जियां उड़ाई गई हैं। पर एक विश्वविद्यालय के आंगन में एक लड़की ने खुद ही नग्नता की सारी हदें पार कर दी तो उसे क्या कहा जाये। मोबाइल की शक्तियों का ऐसा भयंकर दुरुपयोग किसी ने सोचा नहीं था। पर्दा और मर्यादा की किताब की चिंदी-चिंदी कर डाली।
आज यह वाक्य रह-रह कर कानों में गूंज रहा है कि छोरियां छोरां तै कम हैं के? छोरियों ने बेइन्तहां तरक्की की है। खेलों में तो लट्ठ ही गाड़ दिया। और कोई शक नहीं कि हर फील्ड में धुआंधार बैटिंग कर रही हैं। पर जिस तरह नहाती युवतियों की वीडियो बनाकर एक लड़की ने बवाल खड़ा कर दिया है, उससे सिर शर्म से झुका जा रहा है। अश्लीलता के शिखर पर चढ़कर एक पढ़ी-लिखी लड़की ने जो काला अध्याय लिखा है, उसकी मिसाल नहीं मिलती। एक लड़की की ओछी हरकत ने स्त्री जाति की उड़ान पर असंख्य सवालिया निशान लगा दिये हैं। आदमी तो आजाद पैदा हुआ है पर औरतों को आजादी के लिये जूझना पड़ा है। उन्हें आजादी दिलवाने के लिये पुरुषों ने भी भरपूर सहयोग दिया है। सहयोग ही नहीं उनके लिये संघर्ष भी किया है। पर किसी ने यह नहीं सोचा था कि बेटियां अपनी आजादी की धज्जियां उड़ा देंगी। हमारी दादी-नानी तो किसी को अपना चेहरा ही नहीं दिखा सकीं और घूंघट की ओट में ही प्राण त्याग कर चल बसीं। पर उनकी पोती या दोहती यह गुल खिलायेगी कि सारे जिस्म को ही तस्वीर बना डालेगी और लोग उसके कृत्य पर थू-थू करेंगे। कितनी ही चिड़ियों की उड़ानों पर अब अड़ंगे डलेंगे। डर के मारे कुछ के तो पंख ही कतर दिये जायेंगे। अच्छी-भली बेटियों को भी ताने सुनने पड़ेंगे और और उनके साहस व बहादुरी पर कटाक्ष की बाढ़ आयेगी।
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एक बर की बात है अक नत्थू बाल कटाण ग्या। बाल कटाये पाच्छै बोल्याmdash;तैं इस टींगर के बाल काट दे अर मैं माड़ा सा काम करकै इब्बे आया। टाब्बर के बाल काटे जद डेढ़ घंटा हो लिया तो नाई बोल्याmdash;रै तेरा बाब्बू ईब ताहीं नीं आया, के बात। टाब्बर बोल्याmdash;वो मेरा बाब्बू कोनीं, मन्नैं तो वो थारी दुकान के सामीं मिल्या था अर कह्वै था आजा आप्पां दोन्नूं फ्री मैं बाल कटावांगे।