एक बहुचर्चित पौराणिक कहावत है कि पुरुष का भाग्य कब पलटा खा जाये ये देव भी नहीं जानते। यह कहावत केरल के ऑटो चालक पर खरी उतरी है। देश में कई कामों में भाग्य आजमाने और विदेशों में काम धंधा करने वाले केरल के अनूप बी की किस्मत आखिर स्वदेशी भूमि पर ही चमकी। वह अब मलेशिया जाकर अपना भविष्य संवारने की जुगत में था। नौकरी मिल भी गई थी और एक बैंक से इसके लिये लोन का भी आवेदन किया था। उसका लोन तब पास हुआ जब लक्ष्मी छप्पर फाड़ कर बरस चुकी थी। अब तो वह दुबारा अपने स्वीकृत लोन के बारे में पूछने बैंक भी नहीं गया। अब उसे लोन-वोन की जरूरत नहीं है क्योंकि अब वह करोड़ोंपति है। अब तो वह जरूरतमंदों की मदद करना चाहता है।
इसी हफ्ते हुए करिश्माई घटनाक्रम में तिरुअनंतपुरम में ऑटो चलाने वाले अनूप बी की किस्मत अब हमेशा-हमेशा के लिये बदल गई है। सदैव बड़े बड़े सपने देखने वाले अनूप ने पिछले शनिवार को जब बेटे की गुल्लक तोड़कर जमाराशि में से पचास रुपये निकाले थे तो उसकी पत्नी उस पर खूब बिगड़ी थी कि बच्चे के जमा किये पैसों से उसे लाटरी का टिकट नहीं खरीदना चाहिए। इस बात को लेकर दोनों में खूब नोकझोंक भी हुई थी। लेकिन अनूप पर तो जैसे लाटरी का टिकट खरीदने का जुनून सवार था। पिछले कुछ वर्षों से लगातार लाटरी के टिकट खरीदकर किस्मत चमकाने का ख्वाब देखने वाले अनूप ने पत्नी के उलाहने पर कान नहीं दिया। उसका तो एक ही मकसद था कि उसे इस बार ओनम वार्षिक लाटरी का टिकट खरीदना है। दरअसल, टिकट पांच सौ का था और उसके पास सिर्फ चार सौ पचास रुपये थे। विडंबना यह थी कि पिछले कुछ समय से उसका काम धंधा छूट गया था। कुछ महीने पहले तक वह अच्छा खासा कमाकर घर चला रहा था। इसीलिये वह अब जल्दी से धनी बनने का सपना देख रहा था। उसकी उम्मीदें इसलिये भी उफान मार रही थीं क्योंकि पिछले साल ओनम वार्षिक लाटरी में एक दूसरे टैंपो चालक की बारह करोड़ की लाटरी निकली थी। वह मानकर चल रहा था कि जब एक टैंपो चालक की लाटरी निकल सकती है तो मेरी क्यों नहीं।
लेकिन अब वाकई अनूप की किस्मत चमक ही गई है। उस पर लक्ष्मीजी भरपूर मेहरबान हो गई हैं। क्योंकि उसकी पच्चीस करोड़ की लाटरी जो निकली है। अब तो गुल्लक फोड़ने पर लाल-पीली हो रही पत्नी भी खुशी से झूम रही है। उनके वर्षों पुराने सपने अब सच होने को हैं। वहीं पति-पत्नी को अभी भी भरोसा नहीं हो रहा है कि उनकी पच्चीस करोड़ की लाटरी निकली है। वे आज खबरों की सुर्खियों में हैं। बहरहाल, उनकी किस्मत का दरवाजा खुल गया है। अब अनूप परिवार पर चढ़े लाखों के कर्ज के भार से भी मुक्त हो जायेगा।
दरअसल, इससे पहले केरल के श्रीवराहम नगर के उन्नतीस वर्षीय ऑटो चालक अनूप बी ने जिंदगी की दुश्वारियाें से जूझते हुए तमाम छोटे-बड़े काम किये थे। वह एक रेस्टोरेंट में भी काम कर चुका है। कुछ समय दुबई में भी किस्मत चमकाने पहुंचा। बात न बनी तो स्वदेश लौट आया। फिर ऑटो चलाकर परिवार का भरण-पोषण करने लगा। मगर पिछले दिनों धंधा मंदा हो गया। लेकिन विधाता ने तुरत-फुरत उसकी किस्मत बदलने की सोच ली थी। यूं तो अनूप पिछले एक दशक से अधिक समय से लाटरी टिकट लगातार खरीद ही रहा था, लेकिन इसके बावजूद उसकी किस्मत नहीं चमकी। एकाध बार हजार-दो हजार की लाटरी जरूर निकली मगर कोई बड़ा इनाम नहीं निकला था। बीते शनिवार को अनूप ने पांच सौ रुपये का ओनम बंपर लॉटरी टिकट खरीदा और रविवार को वह करोड़पति घोषित हो गया। उसके टिकट पर पच्चीस करोड़ का इनाम निकला। टैक्स आदि काटने के बाद उसको मिलने वाली यह रकम करीब सोलह करोड़ बैठेगी, लेकिन इसके बावजूद यह किस्मत बदलने के लिये बड़ी रकम है।
अब अनूप के दिल में तमाम सपने हिलोरे ले रहे हैं। वह क्या करूं क्या न करूं की दुविधा में घिरा है। लेकिन अच्छा घर बनवाना उसकी प्राथमिकताओं में शुमार है। सबसे पहले वह अपना कर्जा उतारेगा। उसके मन में एक होटल खोलने का भी विचार है। वह कुछ लोगों की मदद भी करना चाहता है। बस उसे अब तो हाथ में रकम आने का इंतजार है ताकि वह तुरंत अपने सपनों को हकीकत में बदल सके। मगर लाटरी लगने के बाद वह अब भी लाटरी के टिकट खरीदना जारी रखेगा। वैसे असली किस्मत तो केरल सरकार की खुली है लाटरी के सारे खर्चे निकाल व टैक्स चुकाने के बाद उसे दो सौ सत्तर करोड़ की आय अर्जित हुई है। बहरहाल, बी अनूप को इतनी खुशियां मिली हैं कि मन में समा नहीं रही हैं। वह न केवल करोड़पति बना है बल्कि रातों रात सुर्खियों का सरताज भी बन गया है। तमाम अखबारों व सोशल मीडिया में उसकी किस्मत चमकने के चर्चे हैं।