एल.एस. यादव
भारत और चीन के मध्य एलएसी पर जारी तनाव के बीच भारत लगातार मिसाइलों के परीक्षण कर रहा है। अप्रैल-मई से लेकर अब तक भारत ने चार मिसाइलों के टेस्ट किए हैं। इनमें से एक निर्भय मिसाइल को एलएसी पर तैनात कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि एलएसी पर तकरीबन छह माह से तनाव चल रहा है। किसी भी यौद्धिक स्थिति से निपटने के लिए भारत ने चीन सीमा के नजदीक लद्दाख में अपनी स्वदेश निर्मित क्रूज मिसाइल की तैनाती कर दी है।
अब भारत चीन के तिब्बत स्थित ठिकानों को आसानी से निशाना बना सकेगा। इस मिसाइल की क्षमता अमेरिका की प्रसिद्ध टॉमहॉक मिसाइल के बराबर है। यह दो चरणों वाली मिसाइल है। यह पहले पारम्परिक रॉकेट की तरह सीधा आकाश में जाती है और फिर दूसरे चरण में क्षैतिज उड़ान भरने के लिए 90 डिग्री का मोड़ लेकर अपने लक्ष्य को निशाना बनाती है। भारत की प्रथम स्वदेश निर्मित परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम सुपरसोनिक क्रूज एवं लम्बी दूरी तक मार करने वाली निर्भय मिसाइल का प्रथम परीक्षण 12 मार्च, 2013 को हुआ था। इसके बाद दूसरा परीक्षण 17 अक्तूबर, 2014 को किया गया जो कि सफल रहा था।
तीसरा परीक्षण 16 अक्तूबर, 2015 को किया गया था। इस परीक्षण में यह मिसाइल 128 किलोमीटर की उड़ान तय करके अपने अगले हिस्से के बल पर बंगाल की खाड़ी में गिर गई थी। दिसम्बर, 2016 में इस मिसाइल का चौथा परीक्षण किया गया जो कि असफल रहा था। इस परीक्षण के दौरान निर्भय को दागने के बाद दूसरे चरण में इसके विंग्स में दिक्कत आ गई थी। इन खामियों की वजह से 21 दिसम्बर, 2016 का परीक्षण विफल हुआ था।
इसके बाद इसकी तकनीकी खामियों को दूर करके सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय का 7 नवम्बर, 2017 को सफल परीक्षण किया गया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 1000 किलोमीटर से भी ज्यादा है। निर्भय मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपने दम पर बनाया है।
निर्भय एक अलग प्रकार की मिसाइल है। इस मिसाइल में धीमी गति से आगे बढ़ने, बेहतरीन नियंत्रण एवं दिशा निर्देशन, सटीक परिणाम देने तथा राडारों से बच निकलने की क्षमता है। यह मिसाइल ठोस रॉकेट मोटर बूस्टर से सुसज्जित है। इसमें टर्बो-फैन इंजन लगा है जो इसे आगे बढ़ाता है। इस मिसाइल की परिचालनगत मारक क्षमता 750 से 1000 किलोमीटर तक है। यह 200 से 300 किलोग्राम तक के आयुध ले जा सकती है।
डीआरडीओ के वैज्ञानिकों के मुताबिक यह मिसाइल रॉकेट से विमान और उसके पश्चात मिसाइल में तबदील हो जाती है। लॉन्च करने के बाद निर्भय मिसाइल का रॉकेट मोटर बन्द हो जाता है और पंख बाहर निकल आते हैं। उड़ान के रास्ते को स्थिर करने के लिए निर्भय में अति आधुनिक कंप्यूटर लगाए गए हैं। इस मिसाइल की विशेषता यह है कि कम ऊंचाई पर भी यह उड़ान भर सकती है। यह शत्रु के राडार में दिखाई नहीं देती। निर्भय मिसाइल लक्ष्य के नजदीक पहुंचने के बाद सटीक अवसर आने पर लक्ष्य को तबाह करती है।
ब्रह्मोस मिसाइल से तीन गुना से भी ज्यादा दूरी तक मार करने वाली क्रूज मिसाइल निर्भय का विकास एवं प्रणोदन प्रणाली का डिजाइन डीआरडीओ ने तैयार किया है। इस चरण तक पहुंचने के बाद इसका प्रदर्शन किया गया। यह दो चरणों वाली मिसाइल है। बूस्टर इंजन के द्वारा इसके पहले चरण को जमीन से छोड़ा जाता है। अमेरिका की टॉमहाक मिसाइल का जवाब मानी जाने वाली निर्भय मिसाइल आवाज से कम गति पर चलने वाली एक सब सोनिक क्रूज मिसाइल है।
धरती से सटकर चलने वाली यह मिसाइल दुश्मन की निगाह से बचकर हमला करती है। इस मिसाइल का प्रहार एकदम सटीक होता है। यह काफी लम्बे समय तक हवा में रह सकती है। लक्ष्य तक बढ़ने के लिए इसके भीतर ही एक विशेष सिस्टम लगा है। यह अनेक तरह के वारहेड्स ले जा सकती है। यह अत्याधुनिक किस्म की बहुपयोगी क्रूज मिसाइल है, जिसे जल, थल और आकाश में सभी तरह के प्लेटफार्म से हर मौसम में दागा जा सकता है। इसे तीनों सशस्त्र सेनाओं की जरूरतों के मद्देनजर तैयार किया गया है।
यह मिसाइल एक साथ कई लक्ष्यों से निपट सकती है और कई लक्ष्यों के बीच में किसी खास लक्ष्य के चारों तरफ घूमकर उस पर हमला करने में सक्षम है। यह भारत की सामरिक मजबूती का एक विशेष कदम है। इस तरह भारत अपनी सबसे भरोसेमन्द क्रूज मिसाइल निर्भय की तैनाती के बाद चीन से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम हो गया है।