जीरकपुर नगर परिषद को मिलेगा नगर निगम का दर्जा, मंत्री ने की घोषणा
जीरकपुर, 29 मई
पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने बृहस्पतिवार को ज़ीरकपुर का दौरा करते हुए जीरकपुर नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा देने की घोषणा की।
शहर के तेजी से हो रहे शहरी विस्तार को देखते हुए उन्होंने कहा कि बेहतर पेयजल आपूर्ति, सीवरेज ट्रीटमेंट और सफाई जैसी सुविधाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए एक सशक्त स्थानीय निकाय की आवश्यकता है। उन्होंने विधायक कुलजीत सिंह रंधावा से अपील की कि नगर परिषद के माध्यम से एक औपचारिक प्रस्ताव स्थानीय निकाय विभाग को भेजा जाए, ताकि प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सके। उन्होंने पुष्टि की कि यह बदलाव जीरकपुर में आगामी नगर निगम चुनावों से पहले लागू कर दिया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री बृहस्पतिवार सुबह सफाई और अन्य नागरिक सुविधाओं का निरीक्षण करने के लिए यहां पहुंचे थे। उन्होंने शहर में गंदगी की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। सुखना चो जोकि चंडीगढ़ की तरफ से तरल वेस्टेज भी साथ लेकर जाता है,के बंद होने और उसमें कचरा जमा होने पर चिंता जताते हुए उन्होंने ड्रेनेज विभाग की मदद से मानसून से पहले उसकी तुरंत सफाई करवाने के आदेश दिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि चोए में कचरा न फेंकें, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
उन्होंने बलटाना की फर्नीचर मार्केट का दौरा करते हुए घोषणा की कि सुखना चो पर 5.96 करोड़ रुपये की लागत से एक उच्च स्तरीय पुल जल्द बनाया जाएगा, ताकि बारिश के दौरान लोगों को राहत मिल सके। डॉ. रवजोत सिंह ने पुरानी कालका रोड और ढकोली क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए सफाई कार्यों का जायज़ा लिया और अधिक सफाई कर्मचारियों की तैनाती के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़कों और गलियों की खराब स्थिति से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि दो नए एसटीपी जल्द स्थापित किए जाएंगे। पहला सनोली में बनेगा और ज़मीन जल आपूर्ति व सीवरेज बोर्ड को सौंप दी गई है, जबकि दूसरे के लिए ज़मीन की तलाश जारी है। विधायक रंधावा द्वारा पंचकूला से आने वाले अतिरिक्त पानी की समस्या उठाए जाने पर मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे हरियाणा सरकार के अधिकारियों से मिलकर इस मुद्दे का जल्द समाधान करें। पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार शहरी आबादी की समस्याओं के समाधान को लेकर गंभीर है और ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपनी ड्यूटी से कुछ समय निकालकर ज़मीनी हकीकत का जायज़ा लेना चाहिए।
इस अवसर पर उनके साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव तेजवीर सिंह, निदेशक गुरप्रीत सिंह खैहरा, उपायुक्त कोमल मित्तल, एडीसी (शहरी विकास) अनमोल सिंह ढालीवाल, कार्यकारी अधिकारी जगजीत सिंह जज और जल आपूर्ति व सीवरेज बोर्ड के अधिकारी भी मौजूद थे।