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वॉटर वेपर थेरेपी से नई राह: प्रोस्टेट की जटिल बीमारी से मिली राहत

चंडीगढ़ , 7 अप्रैल प्रोस्टेट बढ़ने (बीपीएच) से जूझ रहे 73 वर्षीय बुजुर्ग को उस वक्त राहत मिली जब डॉक्टरों ने पारंपरिक सर्जरी की जगह वॉटर वेपर थेरेपी (रेज़म) का विकल्प चुना। हृदय रोग, स्ट्रोक और कमजोर किडनी जैसी समस्याओं...

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चंडीगढ़ , 7 अप्रैल

प्रोस्टेट बढ़ने (बीपीएच) से जूझ रहे 73 वर्षीय बुजुर्ग को उस वक्त राहत मिली जब डॉक्टरों ने पारंपरिक सर्जरी की जगह वॉटर वेपर थेरेपी (रेज़म) का विकल्प चुना। हृदय रोग, स्ट्रोक और कमजोर किडनी जैसी समस्याओं से पीड़ित इस मरीज के लिए सामान्य ऑपरेशन जोखिम भरा था। लेकिन इस अत्याधुनिक प्रक्रिया से उन्हें न सिर्फ राहत मिली बल्कि बिना एनेस्थीसिया, दर्द या अस्पताल में भर्ती के इलाज भी पूरा हो गया।

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रेज़म तकनीक में प्रोस्टेट ऊतक के भीतर भाप पहुंचाकर सूजन कम की जाती है, जिससे लक्षणों में धीरे-धीरे सुधार आता है। पूरी प्रक्रिया महज 5 मिनट में पूरी हुई और मरीज को कैथेटर के साथ उसी दिन छुट्टी दे दी गई। दो सप्ताह बाद कैथेटर हटाया गया और अब दो महीने बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं।

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विशेषज्ञों के अनुसार यह तकनीक बुजुर्गों के साथ-साथ युवा मरीजों के लिए भी कारगर है, जो अपनी प्रजनन क्षमता सुरक्षित रखना चाहते हैं। यह प्रक्रिया पारंपरिक सर्जरी के बराबर प्रभावी है लेकिन कहीं अधिक सुरक्षित और सरल विकल्प बनकर सामने आई है।

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