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महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाएं कमल और लाल गुड़हल, बरसेगी कृपा

आचार्य शंकर गौतम ने बताई महालक्ष्मी पूजन की विधि
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 14 अक्तूबर

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महालक्ष्मी पूजन में कमल के फूल का विशेष महत्व है। देवी लक्ष्मी को कमल का फूल अत्यंत प्रिय माना गया है। दिवाली पर मां महालक्ष्मी, महाकाली, महासरस्वती और महागौरी की पूजा की जाती है। इस पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के चरणों में कमल का फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है। आपने मां लक्ष्मी के चित्रों में उन्हें अक्सर कमल के फूल पर विराजमान देखा होगा। इसलिए, यदि आप पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के चरणों में कमल का फूल अर्पित करते हैं, तो इससे मां लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति को धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती।

आचार्य शंकर गौतम

सहायक पुजारी, श्री माता मनसा देवी

इस बारे जानकारी देते हुए श्री माता मनसा देवी के सहायक पुजारी आचार्य शंकर गौतम ने बताया कि मां लक्ष्मी को लाल गुड़हल का फूल भी अति प्रिय है। आप मां लक्ष्मी को गुड़हल का फूल अर्पित कर उनकी कृपा के पात्र बन सकते हैं। देवी पूजा में 108 कमल के पुष्प और 108 दीपों से मां की पूजा की जाती है। नारियल का भोग लगाने से मां अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं और संतान संबंधी सभी परेशानियों से छुटकारा देती हैं। साथ ही, मां हर मनोकामना पूरी करती हैं।

एक मान्यता

एक मान्यता है कि जब भगवान राम मां भगवती की पूजा कर रहे थे, तब 108 नीलकमल के पुष्प में से एक अपनी जगह पर नहीं था। अनुष्ठान के लिए 108 कमल की आवश्यकता थी। इस बाधा से मुक्ति पाने के उपाय सोचते हुए अचानक राम के मन में चेतना जागृत हुई। उन्होंने याद किया कि उनकी मां बचपन में उन्हें "राजीव नयन" यानी कमल जैसे नयन कहकर पुकारा करती थीं। यह विचार आते ही राम ने कहा, "उनके दोनों नेत्र कमल के समान हैं, तो क्यों न एक नेत्र महाशक्ति के चरणों में अर्पित कर दिया जाए?" तभी मां भगवती ने प्रसन्न होकर विजय का वरदान दिया।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने जब कठोर तप से भगवान शिव को प्रसन्न किया, तो भोलेनाथ ने उन्हें महागौर वर्ण प्रदान किया। माता पार्वती के महागौर वर्ण वाले स्वरूप को महागौरी के नाम से जाना जाता है। दिवाली में इन सभी देवी स्वरूपों की पूजा का विशेष फल मिलता है।

यदि लक्ष्मी पूजा के दौरान कमल के फूल उपलब्ध नहीं हैं, तो लाल गुड़हल का फूल भी मां के चरणों में अर्पित किया जा सकता है। इसके अलावा, लाल गुलाब और गुड़ भी चढ़ाया जा सकता है। मान्यता है कि अगर 108 कमल के फूल न हों, तो 8 कमल चढ़ाकर भी देवी कृपा प्राप्त की जा सकती है।

इसके साथ ही, बीज मंत्र - ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः का जाप कर सकते हैं। मां लक्ष्मी के इन मंत्रों के जाप से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और पैसों से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी से निजात मिल जाती है।

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