चंडीगढ़, 14 सितंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा मनाए गए हिंदी माह उत्सव 2020 का समापन आज हिंदी दिवस पर आयोजित परिचर्चा से हुआ। इसमें प्रसिद्ध गीतकार और हिंदी विभाग के पूर्व छात्र डॉ. इरशाद कामिल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने ‘हिंदी-उर्दू-पंजाबी की साझा विरासत’ पर अपने विचार व्यक्त किए। इरशाद कामिल ने कहा कि पंजाब के लोग इस मायने में बहुत सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें तीन भाषाओं हिंदी-उर्दू-पंजाबी की समृद्ध विरासत मिली है।
इरशाद ने हिंदी की साझी विरासत पर बात करते हुए कहा कि भाषा का कोई मजहब नहीं होता। विभागाध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने कहा कि हिंदी माह के दौरान हुई परिचर्चाओं में बार-बार यह बात उभर कर सामने आई की हिंदी के प्रचार-प्रसार में फिल्मी गीतों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
अभिषेक बने कविता प्रतियोगिता के विजेता
पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर आज परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ‘हिंदी हैं हम’ प्रतियोगिता के विजेता की घोषणा की गई। निर्णायक मंडल द्वारा कोलकाता विश्वविद्यालय, के अभिषेक पाण्डेय की कविता ‘हिंदी का हो रहा सोलह श्रृंगार’ को 2000 रुपये का प्रथम पुरस्कार, पंजाब विवि सांध्यकालीन विभाग की अंजलि की कविता ‘हिंदी सरिता’ को 1500 रुपये का द्वितीय पुरस्कार दिया गया। वहीं, मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर वुमेन के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग ने आज हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में ‘राष्ट्र के विकास में हिंदी का योगदान’ विषय पर एक ऑनलाइन चर्चा का आयोजन किया।