राजपुरा (निस): पंजाब फार्मेसी आफिसर्ज एसोसिएशन, ब्लॉक राजपुरा की मीटिंग लखमी वर्मा की अगुवाई में सिविल अस्पताल, राजपुरा में हुई। जिसमें डायरेक्टर सेहत व परिवार भलाई के फार्मेसी अफसरों की मांगों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये की निंदा की गई और 24 मार्च को डायरेक्टर के खिलाफ धरने में शामिल होने संबंधी विचार-विमर्श किया। मीटिंग को संबोधित करते सीनियर फार्मेसी अफसर लखमी वर्मा ने बताया कि सेवानिवृत्त फार्मेसी अफसरों को अभी तक अपने ड्यूज की अदायगियां नहीं हुई है। जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गयी हैं। उन्होंने कहा कि 35-36 साल की सेवा वाले इस माह रिटायर होने वाले फार्मेसी अफसरों की प्रमोशन न होने से समूचे कॉडर में रोष है। मीटिंग में कृष्ण कुमार, अशोक कुमार, प्रवीन सराओ, तेजिन्द्र सिंह आदि शामिल थे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।