विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 15 मई
मॉडल हाई स्कूल मक्खनमाजरा के विद्यार्थियों को एक साल बाद भी कई विषयों के अध्यापक नहीं मिल रहे हैं। नतीजतन सेकेंडरी स्कूल के बच्चों को प्राइमरी टीचर ही पढ़ा रहे हैं। स्कूल में हिंदी और अंग्रेजी विषय का एक भी अध्यापक नहीं भेजा गया, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मक्खनमाजरा के मिडल स्कूल को अपग्रेड करने के बाद शिक्षा विभाग ने गत वर्ष हाई स्कूल का दर्जा देकर इसे नये भवन में शिफ्ट किया था। भवन बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गये, लेकिन अभी तक बच्चों को पढ़ाने के लिए अध्यापक नियुक्त नहीं किए गये। यहां पर प्राइमरी स्कूल सुंदरनगर को भी नया भवन बनने के बाद शिफ्ट कर दिया गया था। मक्खनमाजरा के हाई स्कूल में छठी से दसवीं तक के 500 विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए केवल 7 टीजीटी ही तैनात किए गए हैं। जानकारी के अनुसार छठी से दसवीं तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए जेबीटी की मदद ली जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि स्कूल में अच्छी कंप्यूटर लैब तो है, लेकिन छात्रों को पढ़ाने के लिए कंप्यूटर टीचर ही नहीं है। इसके अलावा खेलने के लिए मैदान काफी बड़ा है, लेकिन पीटीआई नहीं है। स्कूल में अंग्रेजी, हिंदी, ड्राइंग, होम साइंस, संस्कृत विषय का एक भी टीचर नहीं है। स्कूल में पहली कक्षा में करीब 100 बच्चे हैं, जिन्हें अभी तक एक ही टीचर पढ़ा रहा है। जबकि विभाग की पीटीआर के मुताबिक 40 बच्चों पर एक टीचर होना चाहिए।
नर्सरी का टीचर न होने से शुरू नहीं हो सकी क्लास
करोड़ों के भवन में नर्सरी कक्षा के लिए कमरा है, लेकिन विभाग की ओर से यहां टीचर उपलब्ध न करवाए जाने के कारण नर्सरी कक्षा शुरू ही नहीं हो पा रही, जिससे आसपास के छोटे बच्चों को एक किलोमीटर से ज्यादा दूर के स्कूलों में जाकर शिक्षा लेनी पड़ रही है। इस बारे जिला शिक्षा अधिकारी प्रभजोत कौर का कहना है कि स्कूल में अध्यापकों की व्यवस्था कराई जा रही है, जल्द ही समस्या का समाधान होगा।