पिंजौर (निस) : नगर योजनाकार विभाग द्वारा कालका क्षेत्र में लगाई अर्बन एक्ट की धारा 7ए का कालका-पिंजौर के लोगों ने जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। पिंजौर-कालका प्रापर्टी वेल्फेयर एसोसिएशन द्वारा नीलकंठ हॉल पर जारी अनिश्चितकालीन धरने के दूसरे दिन पिंजौर ब्लॉक पंचायत सरपंच प्रधान हरदेव सिंह और ब्लॉक समिति चंचल शर्मा का समर्थन ही नहीं मिला बल्कि दोनों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने धारा 7ए खत्म न की तो सोमवार के बाद वे सभी सामूहिक रूप से अपने-अपने पदों से इस्तीफे दे देंगे। उधर पिंजौर-कालका वेल्फेयर एसोसिएशन चेयरमैन संत शर्मा ने भी अपना समर्थन देते हुए कहा कि सरकार ने कालका से भेदभाव करते हुए 7ए के माध्यम से 80 प्रतिशत आम लोगों के प्लॉटों, मकानों, दुकानों की रजिस्ट्रियां बंद हुई हैं जबकि एक एकड़ जमीन सहित सरकार के हूडा के प्लॉटों की रजिस्ट्रियां हो रही हैं ।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।