चंडीगढ़, 15 जनवरी (ट्रिन्यू)
कोविड के बढ़ते केसों के बावजूद कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लगायी गयी कुछ बंदिशों और कोरोना गाइडलाइन्स का कई विभाग पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे हैं। यह आरोप नान-टीचिंग विभाग के ही कुछ कर्मचारियों ने लगाया था। इनका कहना है कि डीयूआई प्रो. वीआर सिन्हा की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने हाल ही में फैसला लिया था कि नॉन-टीचिंग स्टाफ 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करेगा लेकिन कुछ विभागों के चेयरपर्सन नॉन-टीचिंग कर्मचारियों को बुलाने में 50 फीसदी की शर्त का उल्लंघन कर रहे हैं। वहीं सांख्यिकी विभाग की चेयरपर्सन प्रो. अंजू गोयल पर उनके ही विभाग के ही कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि कोरोना के तहत पीयू प्रशासन द्वारा 50 फीसदी स्टाफ की शर्त वाली गाइडलाइन नहीं मान रहीं और कोविड के खतरे के बावजूद उन्हें दफ्तर बुला रही हैं । वहीं इस आरोप पर अपने आधिकारिक बयान में चेयरपर्सन प्रो. अंजू गोयल ने बताया कि इन दिनों प्रैक्टिकल एग्जाम चल रहे हैं इसलिये फंक्शनल रिक्वायरमेंट होने के चलते कुछ कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। विभाग ने पिछले हफ्ते रोस्टर को फालो किया है लेकिन यहां नॉन-टीचर्स की संख्या 5 से कम है जिसके चलते कई बार सीनियर लोगों को बुला लिया जाता है। प्रो. गोयल का कहना है कि विभाग सोशल डिस्टेसिंग, मास्क और कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन कर रहा है। उधर डीयूआई प्रो. वीआर सिन्हा ने भी कहा कि इन दिनों काम चल रहा है, विभाग में लोगों को रोस्टर के मुतबिक ही बुलाया जा रहा है, परीक्षाएं होने की वजह से कहीं-कहीं पर वर्कलोड ज्यादा होने से कर्मचारियों को 50 फीसदी की शर्त से ज्यादा बुला लिया जाता है।
इस पर नॉन-टीचिंग इम्पलाइज फेडरेशन के प्रधान हनी ठाकुर ने कहा कि एक्सईएन आफिस भी 100 फीसदी कर्मचारियों को बुला रहा। इसी तरह से प्रेस में भी लोगों को पिक एन चूज पॉलिसी अपनायी जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर कल किसी कर्मचारी को कुछ होता है तो उसके जिम्मेदार संबंधित अधिकारी या हेड ही होगा और फेडरेशन उसका घेराव करेगी। हनी ठाकुर ने कहा कि वे इस बारे में पहले भी कुलपति को एक पत्र लिख चुके हैं और सोमवार को फिर मिलेंगे।