चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : देव समाज कॉलेज फॉर वूमेन, सेक्टर 45 ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और चंडीगढ़ विज्ञान परिषद के सहयोग से “आजादी से पहले भारत में भारतीय वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों की भूमिका” पर एक सेमिनार का आयोजन किया। आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोह और भारत की जी-20 की अध्यक्षता के एक भाग के रूप में आमंत्रित वार्ता, भारतीय वैज्ञानिकों पर प्रदर्शनियों और छात्र प्रतियोगिताओं जैसी कई गतिविधियों का आयोजन किया गया। सेमिनार का आयोजन देव समाज मैनेजिंग काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल सिंह ढिल्लों के मार्गदर्शन और सचिव डॉ. एग्नेस ढिल्लों के संरक्षण में किया गया था। प्रिंसिपल डॉ. मीना चोपड़ा ने अतिथियों को सम्मानित किया जिनमें डॉ. पूर्व प्रिंसिपल केएस आर्य, डॉ जयंती दत्ता, सेवानिवृत्त विंग कमांडर विनय कुमार, सीनेटर डॉ. जगदीश मेहता और एसजीजीएस कॉलेज के डॉ. कंवल प्रीत शामिल हैं। सेमिनार के दौरान भारतीय विज्ञान की दुनिया के एक गुमनाम नायक रुचि राम साहनी के जीवन और समय पर विशेष जोर दिया गया। मुख्य वक्ता प्रो. केएस आर्य ने “भारतीय विज्ञान परम्परा” पर अपने अत्यधिक आकर्षक व्याख्यान से श्रोताओं को प्रेरित किया। उन्होंने भारतीय इतिहास में समय की यूनिट्स का विस्तार किया और भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद पर ध्यान केंद्रित किया। डॉ. जयंती दत्ता ने “भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय वैज्ञानिकों की भूमिका” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेसी बोस और अन्य जैसे प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिकों के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया।